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Kolkata Murder Case: 'सोशल मीडिया से हटाई जाए पीड़िता की फोटो,' पोस्टमार्टम पर SC में उठे सवाल; डॉक्टरों को भी सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता मर्डर केस पर आज सुनवाई की और सोशल मीडिया से पीड़िता की सभी तस्वीरें तुरंत हटाने का आदेश दिया। वहीं कोर्ट ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों से तुरंत लौटने को कहा अदालत ने कहा- अगर सभी डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक शर्तें बनाने का भी निर्देश दिया।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 09 Sep 2024 05:01 PM (IST)
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कोलकाता मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई (फोटो-जागरण)

एएनआई, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई की और सोशल मीडिया से पीड़िता की सभी तस्वीरें तुरंत हटाने का आदेश दिया। वहीं कोर्ट ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों से तुरंत लौटने को कहा, अदालत ने कहा- अगर सभी डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक शर्तें बनाने का भी निर्देश दिया, जिसमें पुरुष और महिला दोनों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो। बता दें कि CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने सभी मुद्दों पर सुनवाई की और सब ने अपने-अपने बयान दिया।

'डॉक्टरों को धमकियों का सामना करना पड़ रहा'

अदालत के बयान के बाद वरिष्ठ वकील गीता लूथरा का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। न्यायालय ने कथित बलात्कार और हत्या के एक मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर भी कई चिंताएं जताईं। पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कई मुद्दे बताए।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (एसजी)तुषार मेहता ने इस मामले में कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उस समय का उल्लेख नहीं किया गया है जब यह किया गया था, जो ऐसे मामलों में एक महत्वपूर्ण विवरण है। उन्होंने कहा कि बलात्कार और हत्या के मामलों में, सबूत इकट्ठा करने के लिए पहले पांच घंटे महत्वपूर्ण होते हैं और घटना के पांच दिन बाद अपनी जांच शुरू करने के दौरान सीबीआई को चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव तब क्या दस्तावेज थे?

वहीं CJI चंद्रचूड़ ने एसजी मेहता से पूछा कि जब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो क्या आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध थे। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल आवश्यक दस्तावेज तुरंत प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे, उन्होंने उन्हें जमा करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया। मेहता ने पुष्टि की कि दस्तावेज उन्हें प्रदान की गई फाइलों में शामिल नहीं थे।

कार्यवाही के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने सीबीआई को अगले सप्ताह तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत मंगलवार, 17 सितंबर को मामले की समीक्षा करेगी।

सिब्बल ने अदालत को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है, जिसमें खुलासा किया गया है कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने पर चिकित्सा की कमी के कारण 23 लोगों की मौत हो गई।

सीसीटीवी फुटेज पर भी उठे सवाल

कोर्ट ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज की भी जानकारी ली। एसजी मेहता ने पुष्टि की कि कुल 27 मिनट की चार वीडियो क्लिप सीबीआई को सौंपी गई हैं। सीबीआई अब नमूनों को आगे की जांच के लिए एम्स और अन्य फोरेंसिक लैब में भेज रही है।

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