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Durga Puja 2024: सारा बंगाल दुर्गामय, बस नहीं हो रही 'तिलोत्तमा' की पूजा!

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई महिला जूनियर डॉक्टर के अथक प्रयास से संभव होता था। तिलोत्तमा (मृतका को दिया गया उपनाम) अपने मकान के गैरेज में धूमधाम से दुर्गापूजा का आयोजन करती थी। प्रतिमा लाने से लेकर विसर्जन तक का सारा दायित्व वह खुद संभालती थी। इस बार वहां खामोशी है। गैरेज में ताला लटक रहा है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:58 AM (IST)
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Durga Puja 2024: आरजी कर मेडिकल कॉलेजी की पीड़िता ने अपनी बेटी को किया याद।(फोटो सोर्स: जागरण)
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। सालभर पहले वहां कितनी धूम थी! कितने उत्साह से देवी दुर्गा की आराधना होती थी! सगे-संबंधियों के साथ पूरा मोहल्ला उमड़ पड़ता था। ढाक (बंगाल में दुर्गापूजा के दौरान बजने वाला विशेष वाद्य) की ध्वनि से पूरा वातावरण पावन हो उठता था। भोग (मां दुर्गा को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद) की सुगंध चारों तरफ फैल जाती थी। बत्तियों से पूरा मोहल्ला जगमगा उठता था।

ये सारा कुछ आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई महिला जूनियर डॉक्टर के अथक प्रयास से संभव होता था। तिलोत्तमा (मृतका को दिया गया उपनाम) अपने मकान के गैरेज में धूमधाम से दुर्गापूजा का आयोजन करती थी।

प्रतिमा लाने से लेकर विसर्जन तक का सारा दायित्व वह खुद संभालती थी। इस बार वहां खामोशी है। गैरेज में ताला लटक रहा है। पूरे कोलकाता में जहां दुर्गापूजा को लेकर चहल-पहल है, वहीं तिलोत्तमा के घर व आसपास वीरानी छाई है।

दुर्गापूजा ने बढ़ा दी है हमारी पीड़ा : पिता

तिलोत्तमा के पिता ने कहा,"दुर्गापूजा सबके लिए आनंद लेकर आई है, लेकिन हमारी पीड़ा को बढ़ा दिया है। हम इस समय अपनी प्यारी बेटी को बहुत मिस कर रहे हैं। वह होती तो इस समय दुर्गापूजा की तैयारियों में जुटी होती। घर में कितनी चहल-पहल होती।"

तिलोत्तमा की मां ने कहा,"मेरी बेटी बहुत धार्मिक प्रवृत्ति की थी। ईश्वर पर बहुत विश्वास करती थी। उसने 2022 में हमारे मकान के गैरेज में दुर्गापूजा की शुरुआत की थी। हमने उससे कहा था कि दुर्गापूजा का आयोजन करना आसान नहीं होता। बहुत सारे काम होते हैं। सबकुछ कैसे होगा? इसपर उसने मुस्कुराते हुए कहा था कि आपलोग चिंता मत कीजिए। मैं सब संभाल लूंगी। इस बार भी वह काफी पहले से दुर्गापूजा की तैयारियों में जुट गई थी लेकिन किसे पता था कि यह सब हो जाएगा।"

घर के सामने बनाया मंच, पूजा के दिनों में वहीं बैठेंगे

पिता ने कहा,"बेटी नहीं रही इसलिए इस बार पूजा भी नहीं हो रही। हम पूजा के दिनों में अपने घर के सामने मंच बनाकर वहीं बैठे रहेंगे। हमने किसी से वहां आने को नहीं कहा है, हालांकि कोई आना चाहे तो आ सकता है।"

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