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75 लाख लोगों को भोजन कराकर आजादी का जश्न मनाएगी राबिन हुड आर्मी, 'शुरू किया गया देशव्यापी अभियान

Robin Hood Army मुख्य रूप से बुनियादी संसाधनों की कम पहुंच वालों अनाथालयों व वृद्धाश्रमों में रहने वालों दूरदराज के इलाकों व पिछड़े गांवों के निवासियों को हैप्पी किट दिए जा रहे हैं। मिशन 750 नाम से यह देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है

By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 07:10 PM (IST)
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350 से अधिक शहरों में गरीबों में अनाज बांटे जा रहे
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। भूखों का पेट भरने वाली प्रमुख स्वयंसेवी संस्था राबिन हुड आर्मी ने आजादी के 75वें साल 75 लाख लोगों को भोजन कराने का ध्येय रखा है। इस बाबत 'मिशन 750' नाम से देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत 350 से अधिक शहरों में गरीबों में हैप्पी किट बांटे जा रहे हैं। एक हैप्पी किट में पांच किलो चावल, एक किलो दाल और दो किलो आटा शामिल हैं। राबिन हुड आर्मी के लाखों स्वयंसेवक, जो 'राबिंस' के नाम से जाने जाते हैं, देशभर में अपने साथी नागरिकों में इसे वितरित कर रहे हैं।

मुख्य रूप से बुनियादी संसाधनों की कम पहुंच वालों, अनाथालयों व वृद्धाश्रमों में रहने वालों, दूरदराज के इलाकों व पिछड़े गांवों के निवासियों को हैप्पी किट दिए जा रहे हैं। मिशन 75 का नेतृत्व कर रहे युगांक कपिला ने बताया-'इस साल हमने 100 मिलियन लोगों में भोजन के वितरण की उपलब्धि हासिल की है, हालांकि सिर्फ एक दिन भोजन प्रदान करने से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों को नियमित रूप से भोजन कराना है।'

कपिला ने आगे कहा-'इस अभियान के तहत हैप्पी किट के वितरण के साथ ही 350 से ज्यादा शहरों में से प्रत्येक के 75 नागरिकों को सशक्त करके उनकी जिंदगी में बदलाव लाने का भी प्रयास किया जा रहा है। यह अभियान एक अगस्त से शुरू किया गया है और 15 अगस्त तक चलेगा।'

गौरतलब है कि राबिन हुड आर्मी छात्रों, युवा पेशेवरों और वरिष्ठ नागरिकों का एक समूह है, जो वैश्विक भूख से लडऩे के लिए अपने खाली समय में एकजुट होकर प्रयास करते हैं। इस संस्था से जुड़े लोग रेस्तरां व सामुदायिक आयोजनों का बचा भोजन एकत्र करते हैं और उसे गरीबों व वंचित लोगों में बांटते हैं। आज संस्था की 2,00,000 स्वयंसेवकों की विशाल टीम है। वर्तमान में राबिन हुड आर्मी 12 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है, जिनमें भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया इत्यादि शामिल हैं।

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