Odisha Train Accident: पत्नी से वीडियो कॉल पर हुई थी आखिरी बार बात, अब उम्मीद के सहारे सफीक का परिवार
पूर्व बर्द्धमान जिले के बाराशूल गांव के रहने वाले सफीक काजी कोरोमंडल एक्सप्रेस से रवाना हुए थे। अब तक परिवार को उनकी कोई खबर नहीं मिली है। सफीक राजमिस्त्री के सहायक के रूप में काम करने दूसरे राज्य जा रहे थे। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कुछ ही मिनटों में कोरोमंडल एक्सप्रेस की कई बोगियों के परखच्चे उड़ गए। चीख-पुकार की तस्वीर सार्वजनिक हो चुकी है। कुछ को ट्रेन हादसे में अपने रिश्तेदारों की मौत का पता चला है। कुछ को नहीं पता कि उनके अपने कहा हैं। वे बस उम्मीद के सहारे हैं। पूर्व बर्द्धमान जिले के बाराशूल गांव के रहने वाले सफीक काजी कोरोमंडल एक्सप्रेस से रवाना हुए थे। अब तक परिवार को उनकी कोई खबर नहीं मिली है।
पत्नी से हुई थी आखिरी बात
सफीक राजमिस्त्री के सहायक के रूप में काम करने दूसरे राज्य जा रहे थे। शुक्रवार दोपहर वे अपने एक साथी के साथ ट्रेन में सवार हुए थे। सफीक की अपनी पत्नी से आखिरी बार वीडियो काल पर अपरान्ह करीब 3.20 बजे बात हुई थी। हादसे की खबर देर शाम आई, तब से सफीक का कोई पता नहीं चल पाया है।
चेन्नई जा रहा था पीड़ित
पत्नी कलाकार खातून को यह भी नहीं पता कि वे जीवित हैं या नहीं। सफीक का पांच साल का एक बच्चा है। घर के कुछ लोग सफीक की तलाश में दुर्घटनास्थल पर गए हैं। पिता वजीर काजी ने बताया कि सफीक चेन्नई जा रहा था। हादसे में सफीक का साथी नूर मोहम्मद घायल हो गया है और अस्पताल में उपचाराधीन है।
हादसे में बासंती इलाके के पांच लोगों की मौत
ट्रेन हादसे में दक्षिण 24 परगना जिले के बासंती इलाके में रहने वाले तीन भाइयों हरन गायेन, निशिकांत गायेन व दिबाकर गायेन की मौत हो गई। ये सभी प्रवासी मजदूर थे और आंध्र प्रदेश में धान छटाई का काम करने जा रहे थे। पहले भी कई बार जा चुके थे लेकिन इस बार हादसे का शिकार हो गए।
बंगाल के हताहतों की संख्या सबसे अधिक
उनके अलावा बासंती के चरनेखली गांव के दो और लोगों की मौत हुई है। इनके नाम विकास हलदर और संजय हलदर हैं। ट्रेन हादसे में बासंती व गोसाबा इलाके के कई लोग घायल भी हुए हैं। दुर्घटना ओडिशा में हुई है लेकिन इसमें बंगाल के हताहतों की संख्या सर्वाधिक है।