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Sandeshkhali Case: फैक्ट फाइंडिंग टीम ने किए रूह कंपाने वाले दावे, कहा- बाहर आने से डर रहीं बहू-बेटियां; बच्चियों पर भी हो रहे जुल्म

बंगाल पुलिस ने संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम को आज धमाखाली में रोक दिया था। दरअसल पुलिस केवल छह लोगों को ही आगे जाने की अनुमति दी। इस दौरान टीम ने पीड़ित महिलाओं से मुलाकात और बात की। उन्होंने बताया कि महिलाएं रात भर अपने बहू-बेटियों को लेकर छिपने को मजबूर हैं। पीड़ित महिलाओं के पति को गांव छोड़ने को मजबूर किया गया है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Sun, 03 Mar 2024 04:52 PM (IST)
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संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं से मिली फैक्ट फाइंडिंग टीम की सदस्य
एजेंसी, कोलकाता। कोलकाता हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद आज फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के छह सदस्यों को संदेशखाली में दौरा करने की अनुमति मिली। इस दौरान टीम में पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की और उनके हालात को जानने की कोशिश की। इसके बाद समिति की सदस्य भावना बजाज ने बताया कि बुजुर्ग महिलाओं में अपनी बहू-बेटियों के लिए अलग ही डर है।

'कोने में खड़े होकर रो रही बुजुर्ग महिलाएं'

संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सदस्य भावना बजाज ने कहा, "मैं 28-70 साल की उम्र की 20 महिलाओं से मिली। 70 साल की महिलाएं भी अपनी बहू और बेटियों के लिए कोने में खड़ी होकर रो रही थीं। मैं पीड़िता की पहचान की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी कैमरापर्सन के अकेले एक पीड़िता से मिलने गई थी, उसके पूरे चेहरे पर चोट के निशान थे। हर रात वह अपनी चार साल की बेटी के साथ आरोपियों से बचने के लिए कहीं गोपनीय जगह जाकर छिप जाती है। उनके पति को गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।"

उन्होंने कहा, "अधिकांश महिलाओं ने शिबू हाजरा नामक एक व्यक्ति का नाम लिया है। जब भी लोग उनके पार्टी कार्यालय में जाते हैं, तो वे महिलाओं को लाते हैं और एक महिला को पूरी रात अपने मनोरंजन के लिए रखते हैं। वे दुष्कर्म यौन उत्पीड़न शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकीं, लेकिन उनके शरीर पर चोट और चोट के निशान उनकी तुलना में अधिक स्पष्ट थे। महिलाओं का कहना है कि वे अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं जा सकतीं क्योंकि कोई सुनता ही नहीं है।"

छह लोगों को जाने की मिली अनुमति

बंगाल पुलिस ने संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम को आज धमाखाली में रोक दिया था। दरअसल, पुलिस केवल छह लोगों को ही आगे जाने की अनुमति दी। शनिवार (2 फरवरी) को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पटना उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में केंद्र की छह सदस्यीय टीम को संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी। उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम कल हिंसाग्रस्त संदेशखाली का दौरा करेगी।

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25 फरवरी को हुई गिरफ्तारी

इससे पहले टीम ने 25 फरवरी को हिंसाग्रस्त संदेशखाली का दौरा करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से रोक दिया था और गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, समिति ने इसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया, जिसके बाद कोर्ट ने सभी सदस्यों को तीन मार्च को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी।

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