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Sandeshkhali Violence: कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश, 'शाहजहां को CBI के हवाले करो', SC पहुंची राज्य सरकार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले सहित वहां से जुड़े तीन मामलों की जांच मंगलवार को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 05 Mar 2024 05:56 PM (IST)
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कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले को अपने हाथ में लेगी।
राज्य ब्यूरो, कलकत्ता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले सहित वहां से जुड़े तीन मामलों की जांच मंगलवार को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने राज्य पुलिस को संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपित तृणमूल नेता शाहजहां शेख को आज ही शाम 4:30 बजे तक सीबीआई को सौंपने का भी निर्देश दिया है।

अदालत ने इसके साथ संदेशखाली कांड से जुड़े तीनों मामलों के सभी दस्तावेज भी पुलिस को तत्काल सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। अदालत ने इसके अलावा ईडी अधिकारियों पर हमले की पड़ताल के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को खारिज कर दिया है।

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ईडी और राज्य सरकार दोनों ने एकल पीठ के 17 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर उग्र भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया गया था।

यद्यपि ईडी चाहता था कि जांच केवल सीबीआई को हस्तांतरित की जाए, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच केवल राज्य पुलिस को दी जाए।

उल्लेखनीय है कि पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की घटना के 56 दिनों बाद फरार मुख्य आरोपित तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को पिछले हफ्ते पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखां में छिपा था। इधर, राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने अदालत द्वारा सीबीआई जांच के फैसले का स्वागत किया है।

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हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

चर्चित संदेशखाली मामले में ममता सरकार ने सीबीआई जांच के निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज (मंगलवार को) याचिका का उल्लेख किया। सुप्रीम कोर्ट ने वकील से शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष इसका उल्लेख करने को कहा।

'ममता बनर्जी शेख के साथ VVIP जैसा व्यवहार कर रही'

भाजपा के अमित मालवीय ने संदेशखाली मामले और बोनगांव में ईडी अधिकारियों पर हमले से संबंधित सीआईडी जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर मंगलवार को ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, "कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया कि वह ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और #Sandeshkhali की महिलाओं को प्रताड़ित करने वाले शाहजहां शेख की हिरासत आज शाम 4:30 बजे तक सीबीआई को सौंप दें।"

उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी सरकार शाहजहां शेख के साथ वीवीआईपी की तरह व्यवहार कर रही थीं। बीजेपी की बंगाल को पुनः प्राप्त करने की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सोकत मोल्ला, जहांगीर खान और अन्य जैसे अपराधी, जो टीएमसी के लिए अपराध सिंडिकेट संचालित करते हैं और गरीबों को परेशान करते हैं, उनका भी शेख जैसा ही हश्र नहीं हो जाता।"

शुभेंदु अधिकारी ने  सरकार पर साधा निशाना

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "माननीय कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली और बोनगांव में ईडी अधिकारियों पर हमले से संबंधित सीआईडी जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करके एक बार फिर पश्चिम बंगाल के विफल राज्य और उसके समझौतावादी पुलिस तंत्र को उजागर किया है। मैं कलकत्ता हाईकोर्ट की माननीय प्रथम श्रेणी पीठ के फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं।"

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