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भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों पर तस्करों का हमला, मुठभेड़ में एक तस्कर ढेर

बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बार फिर तस्करों और बीएसएफ जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई। अधिकारियों का कहना है कि जबरन फेंसेडिल कफ सिरप की बोतलों की तस्करी की कोशिश कर रहे तस्करों ने हमला किया।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 05 Jun 2022 01:15 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jun 2022 01:15 PM (IST)
जबरन फेंसेडिल तस्करी के लिए तस्‍करों ने बीएसएफ पर किया हमला। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बार फिर तस्करों और बीएसएफ जवानों के बीच मुठभेड़ की घटना सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि जबरन फेंसेडिल कफ सिरप की बोतलों की तस्करी की कोशिश कर रहे तस्करों के समूह ने रोके जाने पर बीएसएफ जवान पर हमला कर दिया। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में जवानों की गोली से एक भारतीय तस्कर ढेर हो गया। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर बताया कि यह घटना सीमा चौकी सागरपाड़ा, 141वीं वाहिनी के इलाके में रविवार सुबह में घटित हुई। प्रवक्ता ने बताया कि बीएसएफ के खुफिया विभाग की पुख्ता और सटीक सूचना पर करवाई करते हुए जवानों ने इलाके में पहले ही एम्बुश और गश्ती बढ़ा दी थी। सुबह करीब तीन बजे ड्यूटी पर तैनात जवान ने अपने इलाके में 10-15 तस्करों की गतिविधि दख  तुरंत इसकी सूचना साथी जवान और गश्ती दल को दी। कुछ समय बाद ही तस्करों ने जवान के ऊपर दाह से हमला और पथराव शरू कर दिया। इस पर जवानों ने भी जवाबी कार्यवाही शुरू की। जवान ने पहले नान लीथल (गैर घातक) हथियार से तस्करों को भगाने का प्रयास किया परंतु तस्करों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जिसके बाद  अपनी जान सलामती के लिए अपने जातीय हथियार का इस्तेमाल करना पड़ा। जिसमें एक भारतीय तस्कर गोली लगने से ढेर हो गया। मारे गए तस्कर की पहचान रोहिल मंडल, गांव- रामनारायणपारा, जिला- मुर्शिदाबाद के रूप में हुई है।

तस्कर के पास से 532 फेंसेडिल बोतलें भी ज़ब्त की गई है, जिसकी बांग्लादेश में तस्करी की जानी थी।बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि जवान ने आत्मरक्षा में पहले नान लीथल हथियार (गैर घातक) से फायर कर तस्करों को रोकने तथा भगाने का प्रयास किया लेकिन इसका उनके ऊपर कोई असर नहीं हुआ। अंत में जान- माल की रक्षा हेतु मजबूरन व्यक्तिगत हथियार से फायर करना पड़ा, जिससे गोली लगने से तस्कर ढेर हो गया। वहीं, फायर की आवाज सुनते ही बाकी तस्कर घायल साथी को छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग निकले।


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