Kolkata: बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र बिना किसी चर्चा के 12 मिनट में ही हुआ स्थगित, विधायकों के वेतन पर नहीं हुई कोई चर्चा
मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि से संबंधित दो वित्त विधेयकों को पारित कराने के लिए सोमवार को बुलाए गए राज्य विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बिना किसी चर्चा के 12 मिनट के भीतर ही स्थगित कर दिया गया। सुवेंदु ने कहा कि विधायकों व मंत्रियों के वेतन में वृद्धि से जरूरी राज्य में और भी दूसरे जरूरी विषय हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 16 Oct 2023 06:24 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में दुर्गा पूजा के बीच मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि से संबंधित दो वित्त विधेयकों को पारित कराने के लिए सोमवार को बुलाए गए राज्य विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बिना किसी चर्चा के 12 मिनट के भीतर ही स्थगित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने दावा किया कि एक पूर्व विधायक के निधन के कारण सत्र स्थगित किया गया है।
हालांकि, विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पूर्व विधायक का निधन तो महज एक बहाना है और दावा किया कि स्थगन के पीछे असली वजह राज्यपाल सीवी आनंद बोस की तरफ से संबंधित विधेयक पर सहमति नहीं मिलना है।
सुवेंदु ने कहा, राज्यपाल के अनुमोदन बिना सत्र बुलाना असंवैधानिक
भाजपा विधायकों ने दुर्गा पूजा के समय में विशेष सत्र बुलाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए सदन के भीतर व बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सुवेंदु ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयकों पर बिना राज्यपाल के अनुमोदन के विशेष सत्र बुलाना असंवैधानिक है। उन्होंने राज्य सरकार पर पूजा के दौरान विधायकों को बुलाकर समय बर्बाद करने का भी आरोप लगाया।सुवेंदु ने कहा कि विधायकों व मंत्रियों के वेतन में वृद्धि से जरूरी राज्य में और भी दूसरे जरूरी विषय हैं, जिसपर राज्य सरकार का ध्यान नहीं है। इससे पहले दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने मंत्रियों के लिए बढ़े हुए वेतन पर जबकि वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधायकों के लिए बढ़े हुए वेतन पर विधेयक पेश किया।
इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि दोनों विधेयकों पर कोई चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि पूर्व विधायक को श्रद्धांजलि देने के बाद सत्र स्थगित कर दिया जाएगा। इसके बाद भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। उसी बीच दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुमारगंज से पूर्व माकपा विधायक द्विजेंद्र नाथ राय को श्रद्धांजलि देने के बाद सत्र को स्थगित कर दिया गया। पांच बार के विधायक राय का 88 साल की उम्र में तीन अक्टूबर को ही निधन हुआ था।
बाद में वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया कि राज्यपाल द्वारा सहमति नहीं मिलने से दोनों विधेयकों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद दोनों विधेयकों को राज्यपाल के पास भेजा गया था।ये भी पढ़ें: कम्युनिस्ट विचारधारा के होने के बावजूद पूजा-पाठ करते हैं माकपा के अधिकांश नेता, रिपोर्ट में सामने आई यह बात
चंद्रिमा ने कहा कि वित्त विधेयक पर राज्यपाल की सहमति जरूरी है। इसलिए अब जब उनकी सहमति मिलती है तो दोनों विधेयकों को पारित कराने के लिए बीच में भी विशेष सत्र बुलाया जा सकता है या चार दिसंबर को शुरू होने वाले आगामी सत्र में इसे पारित कराया जाएगा।
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