Saraswati Puja 2022: विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के लिए कोलकाता से लंदन भेजी जा रही प्रतिमा
ढाई फुट लंबी फाइबर की इस प्रतिमा को कोलकाता के कुम्हारटोली के मूर्तिकार कौशिक घोष ने तैयार किया है।लंदन में हेरिटेज बंगाल ग्लोबल नामक संगठन की तरफ से पहली बार सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है।प्रतिमा के साथ पूजन सामग्री भेजी जाएंगी उनमें मिट्टी और गंगाजल भी हैं।
By Priti JhaEdited By: Updated: Wed, 26 Jan 2022 09:22 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के लिए कोलकाता से लंदन प्रतिमा भेजी जा रही है। ढाई फुट लंबी फाइबर की इस प्रतिमा को कोलकाता के कुम्हारटोली के मूर्तिकार कौशिक घोष ने तैयार किया है। सिर्फ प्रतिमा ही नहीं. पूजन की समस्त सामग्री भी कोलकाता से ही भेजी जाएंगी।
लंदन में 'हेरिटेज बंगाल ग्लोबल' नामक संगठन की तरफ से पहली बार सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए काफी पहले ही कुम्हारटोली में प्रतिमा का आर्डर कर दिया गया था। प्रतिमा के साथ जो पूजन सामग्री भेजी जाएंगी, उनमें मिट्टी और गंगाजल भी शामिल हैं। लंदन के हेरियो क्षेत्र के जरास्ट्रियन सेंटर में यह पूजा होगी।
गौरतलब है कि हेरियो क्षेत्र में अच्छी संख्या में बंगाली समुदाय के लोग वास करते हैं। वहां रहने वाले बच्चे ही पूजा पंडाल का निर्माण कर रहे हैं। सरस्वती पूजा पर वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। कोलकाता में मूर्ति निर्माण कला के केंद्र बिंदु कुम्हारटोली से विदेशों में हर साल बड़ी संख्या में दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं। लंदन में भी बंगाली समुदाय के लोग धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन करते हैं। अब वहां सरस्वती पूजा की भी धूम देखने को मिलेगी।
गौरतलब है कि यूनेस्को की तरफ से बंगाल की दुर्गा पूजा को हाल में विरासती धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया है। इसे लेकर भी लंदन में रहने वाले बंगाली समुदाय के लोगों में काफी उत्साह है। वसंत पंचमी के दिन मां शारदे का प्रादुर्भाव
मालूम हो कि पांच फरवरी को वसंत पंचमी है। यह पर्व हर वर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन मां शारदे का प्रादुर्भाव हुआ है। अतः माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मां की पूजा-उपासना कर उनका जनमोत्स्व मनाया जाता है। मां सरस्वती को संगीत और विद्या की देवी, मां शारदे, मां वीणापाणि, वीणावादनी, मां बागेश्वरी, मां भगवती और मां वाग्यदेवी आदि नामों से जाना जाता है। परम चेतना मां हमारी बुद्धि, प्रज्ञा, मनोवृत्तियों आदि की संरक्षिका हैं। देश के सभी हिस्सों में भी वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां शारदे की पूजा-उपासना की जाती है।
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