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छात्रों ने 12 घंटे से अधिक समय तक किया कार्यवाहक कुलपति का घेराव, प्रवेश शुल्क में बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र प्रवेश शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांग को लेकर छात्रों ने 12 घंटे से अधिक समय तक कुलपति निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती का घेराव किया। छात्रों ने बुधवार शाम विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में रजिस्ट्रार का भी घेराव किया। वहीं विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि करीब 10 वर्षों में पहली बार शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 01 Aug 2024 04:57 PM (IST)
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छात्र कर रहे प्रवेश शुल्क में बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रवेश शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि को वापस लेने के लिए लिखित में देने की मांग को लेकर 12 घंटे से अधिक समय तक कुलपति निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती का घेराव किया। छात्रों ने बुधवार शाम विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में रजिस्ट्रार का भी घेराव किया।

कुलपति हमें लिखित में दें जवाब- कार्यकर्ता

स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता बितान इस्लाम ने कहा, हम चाहते हैं कि कुलपति हमें लिखित में दें कि फीस वृद्धि का प्रस्ताव वापस लिया जाएगा। वह इसके लिए सहमत हो जाएं तो हम उन्हें जाने देंगे।

प्रभारी कुलपति चक्रवर्ती और रजिस्ट्रार देबज्योति कोनार ने कोई जवाब नहीं दिया। प्रस्तावित वृद्धि से स्नातक स्तर पर शुल्क 4205 रुपये से बढ़कर 7,200 रुपये और स्नातकोत्तर स्तर पर 4,300 रुपये से बढ़ा 7,200 रुपये हो जाएगा।

छात्रों के लिए जीने मरने का सवाल- अधिकारी

विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 10 वर्षों में पहली बार शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव है क्योंकि वित्तीय संकट हैं और पुस्तकालयों के लिए नई पुस्तकों की खरीद, प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद और मौजूदा सुविधाओं के रखरखाव पर असर पड़ रहा है।

बितान ने कहा, कार्यवाहक कुलपति महोदय और कुलसचिव महोदय सोफे पर बैठे हैं और हम उन्हें पानी, भोजन और अन्य जलपान उपलब्ध करा रहे हैं। हम उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर भी नजर रख रहे हैं। वे ठीक हैं। लेकिन छात्रों के लिए यह जीवन-मरण का सवाल है।

फीस वृद्धि के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग

एसएफआइ के नेतृत्व में करीब 100 छात्र फीस वृद्धि के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले छह दिनों से विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में धरना दे रहे हैं।

कार्यवाहक कुलपति द्वारा कोई लिखित आश्वासन देने से इनकार करने के बाद बुधवार रात करीब आठ बजे घेराव शुरू हुविश्वविद्यालय के अधिकारी ने कहा, ‘संस्थान के सामने वित्तीय संकट है, इसलिए फीस में वृद्धि जरूरी हो गई है।’ यह वृद्धि केवल प्रथम सेमेस्टर के प्रवेश पर लागू होगी।

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