West Bengal: सियालदह स्टेशन का नाम बदलने को लेकर राजनीति तेज, सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र ने जताई आपत्ति
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने कोलकाता के सियालदह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का सुझाव देने के लिए भाजपा सांसद शमिक भट्टाचार्य की आलोचना की। बंगाल में इसको लेकर राजनीति तेज हो गई। चंद्र बोस ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सांप्रदायिक राजनीति बंगाल के समावेशी और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के विपरीत है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने कोलकाता के सियालदह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का सुझाव देने के लिए भाजपा सांसद शमिक भट्टाचार्य की आलोचना की।
चंद्र बोस ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सांप्रदायिक राजनीति बंगाल के समावेशी और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के विपरीत है। मुखर्जी को शिक्षाविद के रूप में सम्मान दिया जाता है लेकिन उन्हें बंगाल के विभाजक के रूप में भी जाना जाता है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बोस की टिप्पणी से एक दिन पहले राज्यसभा सदस्य भट्टाचार्य ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अपील की थी कि विभाजन के दौरान पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए शरणार्थियों की मदद करने में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रयासों के सम्मान में सियालदह स्टेशन का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा जाए।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने सुझाव दिया कि यदि सियालदह स्टेशन का नाम बदला जाना है तो यह स्वामी विवेकानंद के नाम पर होना चाहिए।
घोष ने कहा कि जब स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो के विश्व धर्म संसद में अपना ऐतिहासिक भाषण देने के बाद अमेरिका से लौटे तो वह सियालदह स्टेशन पहुंचे, जहां कोलकाता के लोगों ने उनका स्वागत किया और उनके सम्मान में एक जुलूस का आयोजन किया।
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