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'अगर सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री होते...', सुवेंदु अधिकारी ने पराक्रम दिवस पर नेताजी की मूर्ति पर किया माल्यार्पण

राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आज हम पराक्रम दिवस मना रहे हैं और नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पूरा देश राममय हो गया है सिवाय उन लोगों के जो वोट के भूखे हैं।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 23 Jan 2024 12:22 PM (IST)
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सुवेंदु अधिकारी ने सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर किया माल्यार्पण (एएनआई)

एएनआई, कोलकाता। आज पूरे देश में सुभाष चंद्र बोस की जयंती को "पराक्रम दिवस" के रूप में भी मनाया जा रहा है। इस मौके पर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि उनका मानना है कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो भारत का विभाजन रोका जा सकता था।

नेताजी के प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

कोलकाता में नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए अधिकारी ने कहा, "मेरा मानना है कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तो हमारे देश का विभाजन नहीं होता। भारत में हर कोई खुश होता। भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से छुटकारा मिल गया होता।"

नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने पर किया धन्यवाद

राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए, सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "आज हम पराक्रम दिवस मना रहे हैं और नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। हम दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के लिए अपने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं।"

सीएम ममता ने की सांप्रदायिक रैली

प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सर्व-विश्वास रैली (संहति रैली) पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारी ने कहा कि यह कोई सांप्रदायिक रैली थी। अधिकारी ने आरोप लगाया, "वह एक अंतर-धार्मिक रैली नहीं थी, बल्कि एक सांप्रदायिक रैली थी। यह दंगे भड़काने के लिए की गई थी। ऐसी भाषा! क्या वह मुख्यमंत्री थीं? वह जेल जाने के डर से पागल हो गई हैं।"

सभी ने मनाया प्राण प्रतिष्ठा का जश्न

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को प्राण प्रतिष्ठा दिवस मनाने से रोके जाने के आरोप को खारिज करते हुए अधिकारी ने कहा, "पश्चिम बंगाल में हर हिंदू ने कल भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में भाग लिया, भले ही वे अपने घरों में थे।"

अधिकारी ने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने सोमवार को "राम पूजा" के दौरान हिंदुओं पर हमला किया था। उन्होंने कहा, "तृणमूल के पाकिस्तान-प्रेमी नेताओं ने राम पूजा के दौरान हिंदुओं पर हमला किया है। ऐसी 50 से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस उनकी कैडर बन गई है।"

पहले भी दो लोकसभा चुनाव जीत चुके पीएम मोदी

इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक राजनीतिक अभियान में बदल दिया है, अधिकारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी, जब मंदिर भी नहीं बना था। अधिकारी ने कहा, "क्या पीएम मोदी 2014 और 2019 में नहीं जीते, जब राम मंदिर अस्तित्व में नहीं था?"

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वोट के भूखे प्राण प्रतिष्ठा से खुश नहीं

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि सोमवार को भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पूरा देश 'राममय' हो गया है, सिवाय उन लोगों के जो वोट के भूखे हैं। सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "यह खुशी का क्षण है। रामलला अपने जन्मस्थान पर वापस आ गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा हो गई। यह खुशी का क्षण है। पूरा देश 'राममय' है। हिंदू-सनातनी खुश हैं। अन्य धर्मों के लोग भी खुश हैं। वोट के भूखे लोग ही खुश नहीं हैं।"

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