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सुवेंदु अधिकारी के किराए के घर पर पुलिस ने की थी छापेमारी, अब कोर्ट ने लगाई क्लास; दिया यह आदेश

पिछले मंगलवार को पुलिस ने कोलाघाट में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के किराए के घर पर छापेमारी की थी।इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि पुलिस को यह नहीं पता था कि उक्त घर में सुवेंदु रहते हैं या उनके नाम पर किराए पर लिया गया है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 24 May 2024 06:51 PM (IST)
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हाई कोर्ट ने दस जून तक कोई तलाशी नहीं लेने का दिया आदेश। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पिछले मंगलवार को पुलिस ने कोलाघाट में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के किराए के घर पर छापेमारी की थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि पुलिस को यह नहीं पता था कि उक्त घर में सुवेंदु रहते हैं या उनके नाम पर किराए पर लिया गया है।

पुलिस पर बिना सर्च वारंट के छापेमारी करने का आरोप

राज्य ने कोर्ट को यह भी बताया कि जिस मामले में पुलिस ने घर की तलाशी ली, उसमें सुवेंदु न तो आरोपित है और न ही गवाह है। दूसरी ओर, सुवेंदु ने दावा किया कि पुलिस ने उस दिन बिना सर्च वारंट के भी उनके किराए के घर पर छापेमारी की थी।

मामले में कोर्ट ने क्या कहा?

सुवेंदु द्वारा दायर मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि कोलाघाट में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय या घर की पुलिस 10 जून तक कोई तलाशी नहीं ले सकती है। यह कहते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष के किराए के घर में पुलिस की तलाशी पर अंतरिम रोक लगा दी है और कहा है कि यदि इस अवधि के दौरान किसी तत्काल निर्देश की आवश्यकता हो तो राज्य अदालत का रुख कर सकता है।

पुलिस ने किया यह दावा

मंगलवार दोपहर को पुलिस पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट स्थित सुवेंदु के घर पहुंची थी। कथित तौर पर करीब 70-80 पुलिसकर्मियों ने उस घर के आसपास तलाशी ली। पुलिस का दावा है कि वे वहां एक अपराधी की तलाश में गए थे। उधर, पुलिस की इस कार्रवाई की खबर मिलते ही स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। पुलिस से बहस शुरू हो गई। खबर सुनते ही नंदीग्राम के विधायक राजनीतिक कार्यक्रम से कोलाघाट थाने पहुंचे।

सुवेंदु का दावा है कि उन्हें हाई कोर्ट से सुरक्षा प्राप्त है। पुलिस कोई दमनकारी कार्रवाई नहीं कर सकती और अगर पुलिस के पास 'सर्च वारंट' होता तो पुलिस उनकी मौजूदगी में तलाशी ले सकती थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई शुक्रवार को हाई कोर्ट की जस्टिस सिन्हा की बेंच में हुई।

जज ने पूछा, जांच के बिना ही छापेमारी करने पुलिस पहुंच गई?

सुनवाई के दौरान सुवेंदु के वकील ने कोर्ट को बताया कि कोई सर्च वारंट नहीं होने के बावजूद मंगलवार को पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष के दफ्तर और किराए के घर की तलाशी ली। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव के दौरान उन्हें परेशान करने के लिए पुलिस ने वहां छापेमारी की। हालांकि, राज्य का दावा है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कोलाघाट में उक्त घर सुवेंदु के नाम पर किराए पर लिया गया है।

पुलिस के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक घर का मालिक सुरजीत दास नामक शख्स है। राज्य ने अदालत को यह भी बताया कि शाम करीब पांच बजे पुलिस को शिकायत मिली कि घर में बड़ी संख्या में हथियार छिपाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। उड़नदस्ते को सूचना दी गई। करीब साढ़े छह बजे सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। राज्य ने अदालत को यह भी बताया कि सुवेंदु उस मामले में न तो आरोपित है और न ही गवाह है।

सुवेंदु के वकील ने क्या कहा?

सुवेंदु के वकील का दावा है कि उस दिन कोई उड़न दस्ता उस घर नहीं आया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सिन्हा ने सरकारी वकील से पूछा कि शिकायत मिलने के बाद बिना जांच के ही पुलिस पहुंच गई? ऐसे छापों के कितने उदाहरण हैं? इसके बाद जज ने कोलाघाट में सुवेंदुर के दफ्तर और किराये के घर पर पुलिस की तलाशी पर अंतरिम रोक लगा दी।

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