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'खुशकिस्मती से टैगोर जीवित नहीं वरना उन्हें भी आरोपित बना देते', पुलिसिया कार्रवाई पर भड़का कलकत्ता हाई कोर्ट

कलकत्ता हाई कोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनके विरुद्ध किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी है। विद्युत चक्रवर्ती के विरुद्ध शांतिनिकेतन थाने में पांच मामले दर्ज हैं जिसे लेकर पुलिस की ओर से पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। विद्युत चक्रवर्ती ने नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 14 Dec 2023 07:53 PM (IST)
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले में रविंद्रनाथ टैगोर का जिक्र किया। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनके विरुद्ध किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी है। विद्युत चक्रवर्ती के विरुद्ध शांतिनिकेतन थाने में पांच मामले दर्ज हैं, जिसे लेकर पुलिस की ओर से पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया था।

हाई कोर्ट ने क्यों की टिप्पणी?

विद्युत चक्रवर्ती ने नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उनके विरुद्ध एक मामला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनकी आलोचना करते हुए लिखे गए पत्र को लेकर भी दर्ज किया गया है। उन्होंने पत्र में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख किया था।

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सुनवाई के दौरान टैगोर का जिक्र

न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने पत्र को लेकर मामले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि खुशकिस्मती से टैगोर जीवित नहीं हैं, वरना उन्हें भी आरोपित बना दिया जाता। उन्होंने निर्देश दिया कि अदालत के निर्देश के बिना पूर्व कुलपति के विरुद्ध कोई चार्जशीट जमा नहीं की जा सकेगी। पूर्व कुलपति पर एक आरोप शांतिनिकेतन में टोटो के परिचालन में बाधा देने का भी है।

पुलिस को कोर्ट की फटकार

इस पर न्यायाधीश ने अदालत में मौजूद मामले से जुड़े पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, आप लोग इस तरह के आरोप लगाकर दरअसल राज्य सरकार का अपमान कर रहे हैं। मुझे इस बात का विश्वास नहीं होता कि राज्य सरकार का कोई उच्च पदस्थ अधिकारी आपको इस तरह का निर्देश दे सकता है।' हाई कोर्ट आगामी 11 जनवरी को इस मामले पर अपना निर्णय सुनाएगी।

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