कोलकाता में मीटर डाउन कर मनमाना किराया वसूल रहे हैं टैक्सी ड्राइवर, यात्रियों कोे परेशानी
इन दिनों कोलकाता में टैक्सी ड्राइवर मीटर डाउन कर मनमाना किराया वसूल रहे हैं। आखिर क्यों टैक्सियों के मीटर ‘डाउन’ हो गये हैं।इसका कारण पूछने पर टैक्सियों के ड्राइवर कहते हैं कि डीजल का दाम इतना बढ़ गया है जिस कारण वाहन मेंटेनेंस खर्च भी काफी अधिक बढ़ गया है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Fri, 26 Nov 2021 10:06 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। इन दिनों कोलकाता में टैक्सी ड्राइवर मीटर डाउन कर मनमाना किराया वसूल रहे हैं। इसके कारण यात्रियों कोे भी काफी परेशानी हो रही है। दरअसल अब केवल दिखावे के लिए रह गये हैं टैक्सियों के मीटर। टैक्सी वाले चुकता किराया वसूल रहे हैं यानी जहां जाना है, उसका किराया पहले से ही बता दे रहे हैं। जैसे कि अगर शोभाबाजार से बेलगछिया जाना है तो पहले ही कोई 200 रुपये ताे कोई 150 रुपये किराया बता दे रहा है। ऐसे में अब लोग पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों टैक्सियों के मीटर ‘डाउन’ हो गये हैं। इसका कारण पूछने पर टैक्सियों के ड्राइवर कहते हैं कि डीजल का दाम इतना बढ़ गया है जिस कारण वाहन मेंटेनेंस खर्च भी काफी अधिक बढ़ गया है।
यात्रियों को भी हो रही है परेशानीसियालदह से एमजी रोड क्रासिंग जाने के लिए टैक्सी का इंतजार कर रहे एक यात्री ने कहा, ‘आजकल टैक्सियों को लेकर इतनी परेशानी होती है कि इस कारण ही ऐप कैब लोग अधिक लेते हैं। हालांकि ऐप कैब भी आजकल काफी कैंसल करते हैं जिस कारण टैक्सी लेना चाहते हैं तो टैक्सी वाले भी मनमाना किराया वसूलते हैं।’ इसी तरह एक महिला यात्री ने बताया कि काफी देर से टैक्सी का इंतजार कर रही हूं, लेकिन बेलगछिया से एस्प्लानेड जाने के लिए ही टैक्सी वाले 300 रुपये तक मांग रहे हैं।
यह कहना है टैक्सी यूनियन का
एटक समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने बताया, ‘राज्य सरकार से कई बार आवेदन के बावजूद किराया नहीं बढ़ाया गया जिस कारण टैक्सी ड्राइवर और यात्री दोनों ही मजबूर हैं। अनाधिकारिक तौर पर बस हो या ऑटो अथवा टैक्सी, सभी लोग अधिक किराया ही ले रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं कर रही है। जिस प्रकार डीजल के दाम बढ़े हैं, ऐसे में अधिक किराये के बगैर टैक्सी चलाना संभव नहीं है।’
ऑटो वाले भी वसूल रहे मनमाना किरायाना केवल टैक्सियां बल्कि ऑटो वाले भी मनमाना किराया वसूल रहे हैं। शहर के विभिन्न रूटों पर ऑटो किराया बढ़ा दिया गया है। गत 1 अक्टूबर को 58.21 रु. प्रति लीटर के बाद गैस की कीमतों में कोई रिविजन नहीं किया गया था। वहीं ऑटो ऑपरेटरों का दावा है कि कम यात्रियों के कारण आमदनी कम हो रही है, काफी लोग वर्क फ्रॉम होम मोड में हैं और स्कूल भी केवल 9 से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए खुले हैं जिस कारण बाध्य होकर किराया बढ़ाना पड़ रहा है। धर्मतल्ला से लोहापूल के लिए पहले किराया 18-20 रु. था जिसे अब बढ़ाकर 23-25 रु. तक कर दिया गया है। पहले बड़ाबाजार से सियालदह का किराया 13 रु. था, जिसे अब 15 रु. किया गया है। इसी तरह सामान ले जाने के लिए भी किराया बढ़ा दिया गया है।
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