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Politics: बंगाल कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर टिकीं तृणमूल, भाजपा व माकपा की नजर; अधीर रंजन सौंप चुके हैं इस्तीफा

पिछले लोकसभा (लोस) चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अधीर अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। अधीर ने भी इसकी पुष्टि की है यानी अब नए अध्यक्ष के नाम का निर्णय होना बाकी है। बंगाल कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसपर राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से लेकर विपक्षी दल भाजपा व माकपा तक सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 31 Jul 2024 05:30 AM (IST)
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बंगाल कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर टिकीं तृणमूल, भाजपा व माकपा की नजर

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अधीर रंजन चौधरी के बाद बंगाल कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसपर राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से लेकर विपक्षी दल भाजपा व माकपा तक सबकी नजरें टिकी हुई हैं। सबके अपने-अपने कारण हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने गत सोमवार को पार्टी के बंगाल नेताओं के साथ दिल्ली में हुई बैठक में सूचित किया है कि पिछले लोकसभा (लोस) चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अधीर अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। अधीर ने भी इसकी पुष्टि की है यानी अब नए अध्यक्ष के नाम का निर्णय होना बाकी है।

अधीर रंजन ममता बनर्जी के धुर विरोधी

कांग्रेस हाईकमान की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहा नहीं गया है। मालूम हो कि अधीर बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के धुर विरोधी माने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर आइएनडीआइए में शामिल होने पर भी पिछले लोस चुनाव में बंगाल में कांग्रेस व तृणमूल का गठबंधन नहीं हो पाने का कारण अधीर का पुरजोर विरोध बताया जा रहा है।

ममता ने अधीर को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान जैसा मजबूत प्रत्याशी उतारकर उन्हें छठी बार बहरमपुर से सांसद बनने से रोक दिया। चूंकि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ वर्तमान में तृणमूल के अच्छे संबंध हैं इसलिए वह ऐसे व्यक्ति को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर देखना चाहती है, जो अधीर जैसा विरोध करने के बजाय उसके साथ अच्छे संबंध बनाकर चले।

माकपा को सता रही है चिंता

दूसरी तरफ वाममोर्चा की अगुआई करने वाली माकपा को इस बात की चिंता सता रही है कि 'हाथ' के साथ उसका साथ छूट न जाए। माकपा ने पिछला विधानसभा (विस) व लोस चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था।

खरगे की टिप्पणी से पहुंची थी ठेस

अधीर ने मंगलवार को पर्दाफाश किया कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उस टिप्पणी से काफी ठेस पहुंची थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोस चुनाव के बाद सरकार के गठन को लेकर क्या किया जाएगा, यह पार्टी हाईकमान तय करेगा। अधीर इसपर निर्णय लेने वाले कोई नहीं हैं।

अधीर के तृणमूल के साथ गठबंधन नहीं करने के प्रस्ताव पर खरगे ने यह टिप्पणी की थी। अधीर ने दिल्ली की बैठक में पार्टी के बंगाल प्रभारी गुलाम मीर द्वारा उन्हें बंगाल कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष कहे जाने पर भी नाराजगी जताई। अधीर ने यह भी कहा कि पद का कोई मोह नहीं है।