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चार महीने पहले ही तृणमूल पार्षद की हत्या का ब्लूप्रिंट हुआ था तैयार, कोलकाता पुलिस ने किए चौंकाने वाले खुलासे

TMC councillor Case तृणमूल कांग्रेस के पार्षद सुशांत घोष की हत्या की कोशिश मामले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित (मास्टरमाइंड) मोहम्मद इकबाल उर्फ गुलजार से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि चार महीने पहले ही तृणमूल पार्षद की हत्या का ब्लूप्रिंट तैयार हुआ था। आरोपी ने 10 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 18 Nov 2024 01:37 AM (IST)
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TMC councillor Case टीएमसी पार्षद हत्या की कोशिश मामले में हुए नए खुलासे।
जेएनएन, कोलकाता। कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 108 से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पार्षद सुशांत घोष की हत्या की कोशिश मामले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित (मास्टरमाइंड) मोहम्मद इकबाल उर्फ गुलजार से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि चार महीने पहले ही तृणमूल पार्षद की हत्या का ब्लूप्रिंट तैयार हुआ था।

इमरान को 10 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इकबाल ने बिहार के रहने वाले इमरान को 10 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी। इसके बाद बिहार के मुंगेर से शूटरों को बुलाकर पहले भी दो बार पार्षद की हत्या की कोशिश हुई थी। इकबाल ने खुलासा किया है कि सुशांत घोष हमेशा भीड़ में रहता था, इसलिए पहले दो बार कोशिशें नाकाम हो गई थी। इसके बाद शुक्रवार शाम तीसरी बार पार्षद पर हमले की कोशिश हुई थी।

पार्षद से बदला लेने के लिए रची साजिश

इकबाल ने पूछताछ में दावा किया है कि उसी वार्ड अंतर्गत गुलशन कालोनी में 2012 में उसने 2,000 स्क्वायर फीट की एक गोदाम सह दुकान खरीदी थी, जिसपर पार्षद के करीबी ने जबरन कब्जा कर लिया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इसी का बदला लेने के लिए उसने पार्षद की हत्या की साजिश रची थी। घोष शुक्रवार को उस वक्त बाल-बाल बच गए थे, जब स्कूटी पर आए दो हमलावरों में से एक ने उन पर नजदीक से गोली चलाने की कोशिश की। उसने दो बार पिस्तौल का ट्रिगर दबाया हालांकि गोली नहीं चली। यह घटना कसबा इलाके में उस वक्त घटी जब पार्षद अपने आवास के बाहर बैठे थे।

स्कूटी से भाग निकला था इकबाल

गोली चलाने वाले हमलावर युवराज सिंह को पिस्तौल के साथ पार्षद के लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था, जबकि उसके साथ आया इकबाल स्कूटी से भाग निकला था। बिहारी के वैशाली निवासी युवराज से ही पूछताछ में मुख्य साजिशकर्ता इकबाल का पता चला।

इसके बाद कोलकाता पुलिस की सूचना पर पूर्व बद्र्धमान जिले के गलसी में राष्ट्रीय राजमार्ग से शनिवार को इकबाल को गिरफ्तार किया गया। वह स्कूटी से बिहार की तरफ भागने की कोशिश कर रहा था।

तृणमूल पार्षद गुंडा हैः इकबाल

रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस वाहन में बैठते समय पत्रकारों के सवाल पर इकबाल ने कहा कि तृणमूल पार्षद गुंडा है। उसने दावा किया कि पार्षद के करीबी हैदर अली ने उसकी गोदाम पर कब्जा कर रखा है। उसने इसके खिलाफ पार्षद से लेकर कई जगह शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने कोर्ट में दावा किया कि इकबाल ही घटना का मास्टरमाइंड है।

उसने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने बिहार के शूटरों से संपर्क कर हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने साथ ही कहा कि हत्या के प्रयास मामले में कई अन्य लोग भी शामिल हैं। जिसकी जांच की जा रही है।  

इकबाल को 13 दिनों की पुलिस हिरासत 

अदालत ने इकबाल को 13 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने कहा कि जरूरत पड़ने पर जांचकर्ता जांच के लिए बिहार भी जा सकते हैं। पुलिस के अनुसार, पार्षद को मारने के लिए पिस्तौल का इंतजाम इकबाल ने ही किया था, जो बिहार के मुंगेर से लाया गया था।

पार्षद ने मुख्य आरोपित के दावे को खारिज किया

दूसरी ओर, पार्षद सुशांत घोष और उसके करीबी हैदर अली ने गोदाम पर कब्जे के इकबाल के आरोपों को खारिज किया है। पार्षद ने कहा- इकबाल एक क्रिमिनल और घटना में आरोपित है। इसलिए हम उसकी बात का कोई जवाब नहीं दे सकते। मैं उसे जानता भी नहीं हूं।

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