West Bengal: ममता के मनाने के बाद भी TMC सांसद ने नहीं बदला फैसला, जगदीप धनखड़ को सौंपा इस्तीफा; बताई वजह
Kolkata Doctor Case आरजी कर अस्पताल में हुई दरिंदगी को लेकर सार्वजनिक रूप से ममता सरकार पर सवाल उठा चुके टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने आखिरकार अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि अब वह बोलने और लिखने के लिए स्वतंत्र हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। महानगर के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या कांड के खिलाफ आखिरकार तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सदस्य रूप में अपना इस्तीफा दे रहे हैं। कृपया उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए।
इसके बाद जवाहर सरकार ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'मेरा समय समाप्त हो गया है, सर। आज संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सांसद के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब मैं बोलने और लिखने के लिए स्वतंत्र हूं। अब मैं तानाशाही, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करूंगा।' जवाहर सरकार ने एक्स पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ एक तस्वीर शेयर की है।
ममता बनर्जी को लिखा था पत्र
पिछले रविवार को जब उन्होंने पद छोड़ने की इच्छा जताते हुए दो पेज का पत्र पार्टी सुप्रीमो को लिखा था तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की थी। सीएम ने जवाहर को फोन भी किया था। सूत्रों के अनुसार, सीएम ने सरकार के राज्यसभा का पद और राजनीति छोड़ने के उनके फैसले को बदलने को कहा था।जवाहर सरकार ने एक टीवी चैनल पर कहा था कि मैंने लगभग एक महीने तक एक अनुशासित सांसद की तरह सब कुछ ऑब्जर्व किया और शांत रहा। मुझे लगता है कि स्थिति को संभालने में बहुत सारी गलतियां हो रही हैं और अब यह बहुत अधिक जटिल हो गई हैं। मैंने पार्टी नेतृत्व से भी बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी।
'भ्रष्टाचार की बीमारी में जकड़ा है बंगाल'
जवाहर सरकार ने कहा था कि मैं अपने सिद्धांत पर अड़ा हुआ हूं। मैं राज्यसभा सांसद के रूप में पद छोड़ रहा हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपने सिद्धांतों को छोड़ रहा हूं। भ्रष्टाचार की बीमारी बंगाल को जकड़ चुकी है और बंगाल इसे स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। कृपया यह समझने की कोशिश करें कि बंगाल के लोग इस मात्रा में भ्रष्टाचार को पचाने में असमर्थ हैं।उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा सीएम को लिखे गए उस पत्र के बाद उनकी बातचीत हुई, लेकिन वह निजी है। जवाहर ने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि आरजी कर अस्पताल में हुई दरिंदगी को लेकर वह तुरंत कोई सख्त कदम उठाएंगी। वह पुरानी ममता बनर्जी की तरह इस पर एक्शन लेंगी, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कदम उठाया भी तो बहुत देर हो चुकी थी।
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