Cash For Query Row: 'कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच', आचार समिति की सिफारिश पर भड़कीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा
कैश फॉर क्वेरी मामले में संसद की एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की। इस पर महुआ मोइत्र का जवाब आया है। महुआ मोइत्रा ने समिति की सिफारिश को ‘एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच’ बताया। उन्होंने कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 09 Nov 2023 09:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ से जुड़े विवाद में लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन की सिफारिश को खारिज करते हुए इसे ‘एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच’ करार दिया और कहा कि यह भारत में ‘लोकतंत्र की मौत’ है।
आचार समिति की सिफारिश पर क्यों भड़की महुआ मोइत्रा?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को मोइत्रा के निष्कासन के सुझाव वाली अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी। महुआ ने फोन पर एक न्यूज एजेंसी से कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें, मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी।’
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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा,
यह एक कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच है जिसमें हैरानी की कोई बात नहीं है। लेकिन देश के लिए बड़ा संदेश यह है कि भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है। सिफारिश को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लिया जाना चाहिए।
टीएमसी सांसद ने भाजपा पर साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह फैसला उन्हें सवाल पूछते रहने तथा और अधिक जोर के साथ ‘भाजपा-अदाणी की मिलीभगत’ का खुलासा करने से नहीं डिगा सकता। उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह केवल एक सिफारिश है। अभी कुछ नहीं हुआ है। वे इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लाएं। यह दरअसल मेरे लिए कुछ नहीं है। यह मुझे चुप नहीं कर सकता।यह भी पढ़ेंः Ethics Committee: विपक्ष में रहते हुए महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म करने के पक्ष में किया वोट, पढ़ें कौन हैं कांग्रेस सांसद परणीत कौर?निष्कासन की सिफारिश के आचार समिति के कार्य क्षेत्र की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए मोइत्रा ने कहा, मुझे खुशी है कि भाजपा ने पूरे देश को दिखा दिया है कि उन्होंने संसदीय लोकतंत्र का कैसा मजाक बनाया है। भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर मोइत्रा ने कहा, पहले वे मुझे निष्कासित करें। इस तरह उन्होंने संकेत दिया कि वह अपने अगले कदम का एलान बाद में करेंगी।
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