Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'...जरूरत पड़ने पर अकेले भी लड़ लेंगे चुनाव', बंगाल में कांग्रेस को भाव नहीं दे रही टीएमसी? ममता के नेता ने दिया बड़ा बयान

टीएमसी ने इससे पहले 2001 के विधानसभा चुनाव 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था जिसमें उन्होंने 34 साल की सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका था। कई नेताओं ने पुष्टि की कि टीएमसी राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से चार को कांग्रेस के लिए छोड़ने पर विचार कर रही है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Sat, 06 Jan 2024 02:07 PM (IST)
Hero Image
लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर टीएमसी ने दिया अपडेट (फाइल फोटो)

पीटीआई, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर उसका कांग्रेस के लिए 'खुला दिल' है, लेकिन अगर बातचीत विफल रहती है तो वह अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है।

शीर्ष नेता लेंगे आखिरी फैसला

समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेता सीटों के बंटवारे के बारे में क्या सोच रहे हैं, इससे कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अंतिम निर्णय दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।

टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, "हमारी नेता ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस के लिए हमारा दिल खुला है। अब, वे क्या करेंगे, यह उन पर निर्भर है। पश्चिम बंगाल में क्या होगा, इसका फैसला सोनिया गांधी और ममता बनर्जी करेंगी।" यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के उस बयान के दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी टीएमसी से सीटों की भीख नहीं मांगेगी।

कांग्रेस के लिए चार सीटें छोड़ने को तैयार टीएमसी

एक अन्य वरिष्ठ टीएमसी नेता ने इस मुद्दे पर नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है। चर्चा से जुड़े कई नेताओं ने पुष्टि की कि टीएमसी राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से चार को कांग्रेस के लिए छोड़ने पर विचार कर रही है।

यह भी पढ़ें: कौन है शाहजहां? जिसके गुर्गों ने ED के अधिकारियों को पीटा; अब TMC दे रही है सफाई

2019 चुनाव में जीती थीं 22 सीटें

2019 के चुनावों में, टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं और भाजपा ने राज्य में 18 सीटें हासिल की थीं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट से जीत हासिल की और पूर्व केंद्रीय मंत्री अबू हासेम खान चौधरी ने पड़ोसी मालदा जिले की मालदा दक्षिण सीट से लगातार तीसरी जीत हासिल की।

टीएमसी ने इससे पहले 2001 के विधानसभा चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, जिसमें उन्होंने 34 साल की सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका था।

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो जाएगा CAA, बंगाल में केंद्रीय मंत्री ने कर दिया एलान