Morbi Bridge Collapse: गुजरात पुल हादसे को लेकर बंगाल में तृणमूल- भाजपा में जुबानी जंग तेज
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तापस राय ने कहा कि यह दुर्घटना इस बात का उदाहरण है कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग पुलों की गुणवत्ता और शानदार ढांचागत विकास के बारे में भाजपा और गुजरात सरकार के दावे कितने खोखले थे।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 31 Oct 2022 09:09 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। गुजरात के मोरबी में पुल हादसे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। हादसे के बाद बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। पुल गिरने की घटना में कम से कम 134 लोगों की मौत हो गई है। बंगाल के परिवहन मंत्री व तृणमूल नेता स्नेहाशीष चक्रवर्ती के अनुसार, यह दुर्घटना गुजरात में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, जब भी बंगाल में कुछ होता है तो भाजपा की केंद्रीय तथ्य खोजने वाली टीम राज्य का दौरा करती है।
बंगाल के परिवहन मंत्री का बयान
अब मैं यहां राज्य के भाजपा नेताओं से सवाल करना चाहूंगा कि क्या वे अब इसी तरह की टीम गुजरात भेजेंगे। वे हमेशा बंगाल में गलती खोजने वाले मिशन में रहते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य बंगाल में राज्य प्रशासन को परेशान करना है। मेरी उन्हें सलाह है कि पहले गुजरात में चीजों पर नियंत्रण रखें और फिर बंगाल के बारे में सोचें।तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तापस राय ने कहा कि यह दुर्घटना इस बात का उदाहरण है कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुलों की गुणवत्ता और शानदार ढांचागत विकास के बारे में भाजपा और गुजरात सरकार के दावे कितने खोखले थे। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि उन्हें अभी क्या दावा करना है। इस पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुल की जांच से पहले जनता के लिए इसे खोलना जायज था?
बंगाल भाजपा के प्रवक्ता ने आरोपों को किया खारिज
दूसरी ओर, बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने तृणमूल नेता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, अगर तृणमूल के नेता और मंत्री सिविल इंजीनियरिंग की पूर्णता के बारे में इतने सतर्क होते, तो उनकी नेता और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड को कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का मार्ग बदलने के लिए मजबूर नहीं करतीं।
भट्टाचार्य ने कहा, मार्ग परिवर्तन के कारण भीड़भाड़ वाले बऊबाजार क्षेत्र के घरों में अक्सर दरारें आ जाती थीं, जिससे वहां के निवासी असहाय हो जाते थे। गुजरात में जो हुआ वह निस्संदेह दुखद है।भट्टाचार्य 31 मार्च, 2016 को उत्तर कोलकाता में निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर के 490 फीट के स्टील स्पैन के ढहने का जिक्र कर रहे थे, जिसमें 27 लोग मारे गए थे।
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