Bengal Saradha Scam: सारधा घोटाले में सुवेंदु की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राज्यपाल से मिला तृणमूल प्रतिनिधिदल
सीबीआइ-ईडी पर विभिन्न मामलों की जांच में पक्षपात करने और भाजपा की छत्रछाया वाले आरोपितों को छूट देने की शिकायत। राज्यपाल ने ट्वीट कर ममता सरकार को बंगाल की बदहाल कानून-व्यवस्था सिंडिकेट व माफिया राज और संविधान का पालन करने की फिर से याद दिलाई।
By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2022 05:42 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सारधा चिटफंड घोटाले में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिदल ने मंगलवार को राजभवन जाकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। प्रतिनिधिदल ने राज्यपाल से शिकायत की कि सीबीआइ-ईडी विभिन्न मामलों की जांच में पक्षपात कर रही है। भाजपा की छत्रछाया वाले आरोपितों को छूट दी जा रही है। राज्यपाल इसमें हस्तक्षेप करें। राज्यपाल ने करीब ढाई घंटे प्रतिनिधिदल के साथ बातचीत की। राजभवन से बाहर निकलते वक्त पत्रकारों से बातचीत में ब्रात्य बसु ने कहा-'राज्यपाल जैसे भाजपा के राज्यपाल हैं, वैसे ही तृणमूल के भी राज्यपाल हैं। उन्होंने हमें इस मामले में कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
तृणमूल प्रतिनिधिदल में राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री डा शशि पांजा, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष, वरिष्ठ नेता तापस राय, युवा नेत्री सायोनी घोष, हाल में भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौटे सांसद अर्जुन सिंह समेत अन्य शामिल थे। गौरतलब है कि सारधा घोटाले में सुवेंदु की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तृणमूल ने सोमवार को कोलकाता के साल्टलेक इलाके में स्थित सीबीआइ दफ्तर के सामने धरना दिया था। दिनहाटा व कांथी समेत राज्य के कई स्थानों पर पार्टी की तरफ से प्रदर्शन भी किया गया था।
राज्यपाल ने ममता सरकार को बदहाल कानून-व्यवस्था, सिंडिकेट व माफिया राज की दिलाई याद
तृणमूल प्रतिनिधिदल के लौटने के कुछ देर बाद ही राज्यपाल ने ट्वीट कर ममता सरकार को बंगाल की बदहाल कानून-व्यवस्था, सिंडिकेट व माफिया राज और संविधान का पालन करने की फिर से याद दिलाई। राज्यपाल ने कहा-'मैंने तृणमूल प्रतिनिधिदल से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सरकारी काम कानून के मुताबिक हों, न कि शासक दल के कानून के मुताबिक। सिंडिकेट और माफिया का दमन किया जाना चाहिए। हाई कोर्ट के मुताबिक यह राज्य के हरेक कोने में हैं। पीडि़तों को राहत प्रदान करने में तुष्टीकरण और सांप्रदायिकता की राजनीति बंद की जानी चाहिए और मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए।
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