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'अगर सेना के जवान भी ऐसा करें तो...', TMC नेता ने क्यों पुलवामा हमले से की कोलकाता मर्डर केस की तुलना?

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले को लेकर लोगों का विरोध जारी है। जगह-जगह पर हड़ताल की जा रही है। इस बीच तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कोलकाता मर्डर केस की तुलना पुलवामा हमले से कर दी है। उन्होंने कहा अगर सुरक्षा बल 2019 पुलवामा के पीछे के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए तो चिकित्सक कैसी प्रतिक्रिया देंगे।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Wed, 21 Aug 2024 05:46 PM (IST)
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TMC नेता ने कोलकाता केस पर पुलवामा हमले का किया जिक्र (फोटो-जागरण)

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता में 31 साल की डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद देश भर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कोलकाता मर्डर केस की तुलना पुलवामा हमले से की है। उन्होंने कहा, अगर सुरक्षा बल 2019 पुलवामा के पीछे के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए तो चिकित्सक कैसी प्रतिक्रिया देंगे।

बता दें कि वरिष्ठ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने एक्स पर पोस्ट के जरिए ये बात कही है, उन्होंने कहा,''डॉक्टरों से अपनी हड़ताल खत्म करने के अनुरोध के साथ, मेरा एक सवाल है। पुलवामा मामले में कोई न्याय नहीं हुआ है। इसलिए, अगर जवान सीमा छोड़कर 'हमें न्याय चाहिए' हड़ताल शुरू करते हैं, तो वे इसे कैसे देखेंगे?"

ऐसा क्यों बोले TMC नेता?

तृणमूल नेता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी इस जघन्य अपराध से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है। पिछले मंगलवार को, कलकत्ता हाई कोर्ट ने संवेदनशील मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर कर दी थी, यह देखते हुए कि कोलकाता पुलिस ने मामले में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की है। अब तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना पर आलोचना का जवाब देते हुए सीबीआई पर सवाल उठाया है कि जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने क्या प्रगति की है।

পুলওয়ামার ঘটনার এখনও ন্যায়বিচার হয়নি। তাই পুলওয়ামায় 'we want justice' বলে জওয়ানরা যদি সীমান্ত ছেড়ে এসে ধর্ণায় বসেন, সেটাকে কীভাবে দেখবেন?— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) August 21, 2024

क्या थी पुलवामा घटना?

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुई घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान मारे गए, जब विस्फोटकों से भरा एक वाहन सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहनों के काफिले से टकरा गया। दो सप्ताह से भी कम समय के बाद, भारतीय वायु सेना के जेट विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले किए और जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया।

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