लापता नहीं हैं TMC नेता मुकुल राय, खुद बताई दिल्ली में होने की बात; बेटे ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
मुकुल राय को सोमवार शाम को दिल्ली जाने वाली उड़ान में सवार होना था और रात करीब नौ बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरना था। लेकिन पिता से कोई संपर्क नहीं होने पर बेटे शुभ्रांशु ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि मुकुल देर रात ही दिल्ली पहुंच गए।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 18 Apr 2023 05:30 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय ने अपने लापता होने का खंडन करते हुए कहा कि वे कुछ निजी काम से दिल्ली पहुंचे हैं। उनका यह बयान तब आया है, जब एक दिन पहले उनके परिवार ने दावा किया था कि वे सोमवार शाम से लापता हैं। राय ने दिल्ली एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए हैं लेकिन उनका कोई खास एजेंडा नहीं है।
किसी को बिना बताए दिल्ली जाने को लेकर अटकलें तेज
मुकुल राय ने कहा कि मैं कई वर्षों तक संसद सदस्य रहा हूं। क्या मैं दिल्ली नहीं आ सकता? पहले भी मैं नियमित तौर पर दिल्ली आता रहता था। बहरहाल, राय ने अपने दिल्ली जाने की वजह नहीं बताई, जिसके बाद बंगाल के राजनीतिक गलियारों में उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही है।
बेटे ने सोमवार शाम में दर्ज कराई थी पिता के लापता होने की शिकायत
गौरतलब है कि पूर्व रेल मंत्री के बेटे शुभ्रांशु राय ने यह कहते हुए कोलकाता के एयरपोर्ट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता का सोमवार देर शाम से अता-पता नहीं है और वे लापता हैं। इसके बाद हड़कंप मच गया था। राय को सोमवार शाम को दिल्ली जाने वाली उड़ान में सवार होना था और रात करीब नौ बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरना था। लेकिन पिता से कोई संपर्क नहीं होने पर बेटे शुभ्रांशु ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि मुकुल देर रात ही दिल्ली पहुंच गए।मस्तिष्क की बीमारी से ग्रस्त हैं मुकुल राय
बताया जा रहा है वह किसी को बिना बताए ही दिल्ली गए हैं। दरअसल, अपनी पत्नी की मौत के बाद लंबे समय से बीमार चल रहे राय फरवरी में अस्पताल में भी भर्ती हुए थे। राय मस्तिष्क की बीमारी (मस्तिष्क में पानी जम जाना) से ग्रस्त हैं। हाल में उनकी सर्जरी हुई है। वह अक्सर स्मृति भ्रम का शिकार हो जाते हैं।
मुकुल राय के बारे में-
बता दें कि एक समय तृणमूल में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले राय पार्टी नेतृत्व से मतभेदों के बाद 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। राय ने भाजपा के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन वे नतीजों की घोषणा के करीब एक माह बाद ही अपने पूर्व विधायक बेटे शुभ्रांशु के साथ वापस तृणमूल में लौट आए थे।हालांकि तृणमूल में लौटने के बाद से ही वे सक्रिय राजनीति से दूर रहे हैं। उन्होंने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पिछले साल बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया था।
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