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4 मंजिला मकान होते हुए भी PM आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में तृणमूल नेता का आया नाम

बंगाल में एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा की खबरें सामने आ रही है. तृणमूल के नेता प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में अपने लोगों का नाम शामिल करवाने के लिए आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव डाल रहे हैं

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 12 Dec 2022 05:23 PM (IST)
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4 मंजिला मकान होते हुए भी PM आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में तृणमूल नेता का आया नाम

कोलकाता, राज्य ब्यूरो: बंगाल में एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा की खबरें सामने आ रही है. तृणमूल के नेता प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में अपने लोगों का नाम शामिल करवाने के लिए आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव डाल रहे हैं। यहां तक की योजना की समीक्षा करने जा रहीं आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर हमले भी हो रहे हैं। वहीं. दूसरी तरफ इस योजना के लाभार्थियों की सूची में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का नाम सामने आया है।

केशवपुर गांव में है नेता का चार मंजिला मकान

जानकारी के मतुाबिक, मामला पूर्व ब‌र्द्धमान जिले के खंडघोष इलाके का है। जहांगीर शेख नामक तृणमूल नेता का केशवपुर गांव में अपना चार मंजिला मकान है। बावजूद तृणमूल नेता व उनके परिवार के चार सदस्यों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभर्थियों की सूची में पाए गए हैं जो इसके मानदंडों को पूरा नहीं करते। जहांगीर शेख शांकारी-1 पंचायत के उप प्रधान भी हैं। सूची में उनके अलावा उनकी पत्नी सीमा शेख, दो भाई आलमगीर व आजमगीर व हाल में गुजरे पिता शेख मोहसिन के नाम भी शामिल हैं।

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उप प्रधान बनने का बाद सूची में नाम

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक शेख जहांगीर का चावल का व्यवसाय है। पहले उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। 2018 में पंचायत उप प्रधान बनने के बाद से उनकी माली हालत बदलनी शुरू हो गई। उसी साल जिला प्रशासन की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए समीक्षा शुरू की गई थी और शेख जहांगीर और उनके परिवार के सदस्यों के नाम लाभकर्ताओं की सूची में शामिल किए गए थे।

जिला प्रशासन ने लिया एक्शन

इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन की तरफ से उन सभी के नाम सूची से हटा दिए जाने का दावा किया गया है। खंडघोष के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सत्यजीत कुमार ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद सभी नाम हटा दिए गए हैं। दूसरी तरफ शेख जहांगीर ने कहा कि उनका एक समय कच्चा घर था। यही देखकर जिला प्रशासन की तरफ से उनका व उनके परिवार के सदस्यों के नाम सूची में शामिल किए गए थे। उन्होंने खुद बीडीओ को नामों को हटाने को कहा था।

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