जादवपुर यूनिवर्सिटी रैगिंग कांड में दो और छात्र गिरफ्तार, कोर्ट ने 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा
जेयू के छात्रावास की बालकनी से स्वपनदीप कुंडु नामक प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध हालत में गिरकर मौत हो गई थी। इसकी वजह रैगिंग बताई जा रही है। इस बीच जेयू के डीन आफ स्टूडेंट्स को अंग्रेजी में लिखा गया एक पत्र सामने आया है। यह पत्र स्वपनदीप का लिखा बताया जा रहा है। इसमें डीन आफ स्टूडेंट्स से जेयू के कुछ सीनियर छात्रों की शिकायत की गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: पुलिस ने जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) रैगिंग कांड में दो और छात्रों को गिरफ्तार किया है। उनके नाम दीपशेखर दत्त व मनोतोष घोष हैं। दीपशेखर बांकुड़ा जिले का रहने वाला है और अर्थशास्त्र का छात्र है, वहीं मनोतोष हुगली जिले के आरामबाग का वाशिंदा है और समाज विज्ञान का छात्र है। दोनों को रविवार को अदालत में पेश करने पर 22 अगस्त तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इससे पहले सौरव चौधरी नामक पूर्व छात्र को गिरफ्तार किया गया था। उसे पहले ही 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया जा चुका है।
सौरव से पूछताछ में इन दोनों का पता चला था। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दीपशेखर व मनतोष से जादवपुर थाने की पुलिस ने शनिवार रातभर पूछताछ की। उनके बयान में विसंगतिया पाए जाने के बाद उन्हें रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरी तरफ दीपशेखर ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि वे खुद भी सौरव के हाथों रैगिंग का शिकार हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जेयू के छात्रावास की बालकनी से स्वपनदीप कुंडु नामक प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध हालत में गिरकर मौत हो गई थी। इसकी वजह रैगिंग बताई जा रही है। इस बीच जेयू के डीन आफ स्टूडेंट्स को अंग्रेजी में लिखा गया एक पत्र सामने आया है। यह पत्र स्वपनदीप का लिखा बताया जा रहा है। इसमें डीन आफ स्टूडेंट्स से जेयू के कुछ सीनियर छात्रों की शिकायत की गई है। पत्र के अंत में किया गया हस्ताक्षर स्वपनदीप का बताया जा रहा है, हालांकि मृत छात्र के पिता रामप्रसाद कुंडु ने दावा किया कि यह पत्र उनके बेटे ने नहीं लिखा है।
पत्र में जिन सीनियर छात्रों की शिकायत की गई है, उनके बारे में स्वपनदीप ने कभी उनसे नहीं कहा। स्वपनदीप को अगर किसी छात्र के बारे में शिकायत करनी होती तो इसके बारे में वह सबसे पहले अपने माता-पिता को बताता। मृत छात्र के परिवार का अनुमान है कि जांच को गुमराह करने के लिए इस पत्र को पेश किया गया है। इस बीच छात्रावास के रसोइए ने पुलिस को बताया है कि सीनियर छात्र नए छात्रों को प्रताड़ित करते हैं।