'अपराजिता कानून पारित करके बंगाल सरकार खुद को बचा रही', केंद्रीय मंत्री का सीएम ममता पर हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दुष्कर्मियों को फांसी की सजा का प्रविधान करने वाला कानून पारित करने को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल खुद को बचाने की कोशिश मानते हैं। कानून मंत्री ने शुक्रवार को वोमेन जर्नलिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट के कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। ममता बनर्जी ने पहले प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दुष्कर्मियों को फांसी की सजा का प्रविधान करने वाला कानून पारित करने को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल खुद को बचाने की कोशिश मानते हैं। कानून मंत्री ने शुक्रवार को वोमेन जर्नलिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट के कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। कानून मंत्री ने कहा कि कोलकाता की जो घटना हुई है वह देश को शर्मसार करने वाली है।
इस मामले में ममता बनर्जी ने पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की बात कही जिसका जवाब उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने भेजा और बताया कि देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं लेकिन आपने ही फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित नहीं किये हैं।
कानून सख्त होने को लेकर लिखा पत्र
इसके बाद उन्होंने दूसरा पत्र लिखा कि कानून कड़ा किया जाए। फिर ये कानून पारित किया तो मुझे ऐसा लगता है कि ये एक कवरअप करने के लिए की गई कार्रवाई है।कानून मंत्री ने नये आपराधिक कानूनों की बताईं खूबियां
कानून मंत्री ने ममता बनर्जी के कानून को अनधिकृत रूप से की गई कार्रवाई का भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि संविधान में तीन सूचियां हैं। इससे पहले कानून मंत्री ने महिला सुरक्षा में नये आपराधिक कानूनों की खूबियां बताईं कि किस तरह महिलाओं की सुरक्षा में नये कानून प्रभावी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनमें जीरो एफआइआर, ई एफआइआर की व्यवस्था है ऐसे में एफआइआर के लिए एक थाने से दूसरे थाने नहीं जाना पड़ेगा। नये कानूनों में तकनीक का उपयोग किया गया है। तकनीक के उपयोग से न्याय जल्दी मिलेगा।
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