आजादी के बाद तीन जिले थे मुस्लिम बहुल, अब नौ हो गए; केंद्रीय मंत्री ने पूछा- बंगाल में ये कैसे हो रहा है?
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान का समर्थन केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने किया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में डेमोग्राफी में बदलाव बायोलॉजिकल तरीके से नहीं आया है। मजूमदार ने कहा कि आजादी के बाद प्रदेश में तीन जिले मुस्लिम बहुल थे। मगर इनकी संख्या अब नौ हो गई है। उन्होंने सवाल किया कि ये कैसे हो रहा है?
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि वहां बायोलॉजिकल तरीके से डेमोग्राफी चेंज नहीं हुई, बल्कि किसी और तरीके से हुई है। असम के मुख्यमंत्री सही कह रहे हैं। बंगाल का भी कमोबेश यही हाल है। यहां भी इसी तरीके से घुसपैठ करवाकर डेमोग्राफी को बदला गया है।
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बायोलॉजिकल तरीके से नहीं बढ़ी आबादी
मजूमदार ने आगे कहा कि सिर्फ असम नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी भारत, खासकर सीमा से सटे राज्यों में स्वतंत्रता के 70 से 75 सालों में डेमोग्राफिक परिवर्तन देखने को मिला है। ये सबके लिए चिंता का विषय है क्योंकि बायोलॉजिकल तरीके से ये आबादी नहीं बढ़ी है। अगर बायोलॉजिकल तरीके से आबादी बढ़ती तो बच्चे पैदा होते, बड़े होते और देश के नागरिक बनते। इस तरह से अगर डेमोग्राफी में परिवर्तन हुआ होता तो चिंता की बात नहीं रहती।योजनाबद्ध तरीके से डेमोग्राफी बदली गई
मजूमदार ने कहा कि चिंता इसलिए है क्योंकि यह बायोलॉजिकल नहीं हुआ है। योजनाबद्ध तरीके से डेमोग्राफी चेंज हुई है। इसकी योजना देश के बाहर कहीं से हो रही है। सुकांत ने कहा कि अगर हम बंगाल की बात करें तो यहां आजादी के पहले और आजादी के बाद भी तीन जिले मुस्लिम बहुल थे, अब नौ जिले हो गए हैं। ये कहां से हो रहा है, कैसे हो रहा है, इतनी जनसंख्या कैसे बढ़ रही है? प्राकृतिक तरीके से इस तरह से जनसंख्या नहीं बढ़ सकती।
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