West Bengal: क्रेडिट सोसाइटी के संस्थापक भगवती चरण घोष की कांस्य प्रतिमा का अनावरण
सोसाइटी की स्थापना परमहंस योगानंद के पिता भगवती चरण घोष ने रेल कर्मियों की सुविधा के लिए अरबन बैंक के बतौर 1909 में की थी। फिलहाल दक्षिण-पूर्व रेलवे के संपूर्ण कार्यक्षेत्र में हजारों कर्मियों की सेवा कर रही है सोसाइटी।
By Preeti jhaEdited By: Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:57 AM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एसई, एसईसी एंड ईसीओ रेलवेज इम्पलाइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के संस्थापक के रूप में स्व. भगवती चरण घोष के योगदान को याद करते हुए सोमवार को गार्डेन रीच रोड कोलकाता स्थित इस सोसाइटी के मुख्यालय के समक्ष उनकी कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। सोसाइटी की स्थापना परमहंस योगानंद के पिता भगवती चरण घोष ने रेल कर्मियों की सुविधा के लिए अरबन बैंक के बतौर 1909 में की थी।
शारदीय नवरात्रि के अवसर पर इस प्रतिमा का अनावरण भगवती चरण घोष के परपोते सोमनाथ घोष और उनकी धर्मपत्नी सरिता घोष ने किया। अपने भाषण में सोमनाथ घोष ने भगवती चरण घोष के संत और निस्वार्थ स्वभाव की बात की और कैसे उन्होंने क्रिया योग की शिक्षाओं के प्रसार के लिए परमहंस योगानंद की अमेरिका यात्रा को भी वित्तपोषित किया।परमहंस योगानंद द्वारा स्थापित योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया के दक्षिणेश्वर मठ में सेवा दे रहे स्वामी अच्युतानंद गिरि इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने परमहंस योगानंद की आत्मकथा ‘योगी कथामृत’ के उस अंश का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि भगवती चरण घोष ने इससे कोई पैसा या लाभ नहीं लिया।
स्वामी अच्युतानंद ने पिता-पुत्र द्वारा स्थापित दो अलग-अलग सोसाइटी का साम्य बताते हुए कहा कि यह अपने आप में एक अद्भुत प्रयोग था, जिसके तहत पिता भगवती चरण घोष द्वारा रेलकर्मियों के लिए स्थापित क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और पुत्र परमहंस योगानंद द्वारा मानवता की सेवा के लिए स्थापित योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया सौ वर्षों से अधिक समय से अपने नीति-सिद्धांतों के तहत सफलतापूर्वक चल रही है। उक्त क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के सदस्यों के साथ उपाध्यक्ष गिरिजा शंकर पुरी और निदेशक गौतम मुखोपध्याय तथा प्रदीप्त कुमार पाटशानी भी उपस्थित थे।
आज की तारीख में कोऑपरेटिव सोसाइटी की कार्यशील पूंजी 1,757 करोड़ रुपये है। यह कोऑपरेटिव सोसाइटी 111 वर्षों से सफलतापूर्वक चल रही है। फिलहाल यह सोसाइटी दक्षिण-पूर्व रेलवे के संपूर्ण कार्यक्षेत्र में हजारों कर्मियों की सेवा कर रही है।
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