बंगाल में नगर पालिका के वाइस चेयरमैन ने घर में की आत्महत्या, परिवारवालों का दावा- उनको ब्लैकमेल किया जा रहा था
बंगाल की उत्तर बैरकपुर नगरपालिका के वाइस चेयरमैन व तृणमूल कांग्रेस पार्षद सत्यजीत बंद्योपाध्याय का संदिग्ध परिस्थितियों में उनके घर में फंदे से लटकता शव बरामद हुआ है। सत्यजीत के स्वजन का दावा है कि फर्जी वीडियो तैयार करके उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। शव के पास से ढाई पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने इसका उल्लेख किया है। चार लोगों के नाम लिखे हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल की उत्तर बैरकपुर नगरपालिका के वाइस चेयरमैन व तृणमूल कांग्रेस पार्षद सत्यजीत बंद्योपाध्याय का संदिग्ध परिस्थितियों में उनके घर में फंदे से लटकता शव बरामद हुआ है।
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्यजीत गत गुरुवार को 'लापता' हो गए थे, शुक्रवार रात खुद ही घर लौट आए थे। कुछ देर बाद फिर निकल गए। जाते वक्त अपना मोबाइल भी घर छोड़ गए थे।
हत्या है या आत्महत्या पुलिस कर रही जांच
अगले दिन सुबह घर में ही फंदे से लटकी हालत में उनका शव बरामद हुआ। बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त (उत्तर) गणेश बिश्वास ने बताया-'मामले की जांच की जा रही है। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।' यह आत्महत्या है या हत्या, पुलिस इसकी जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।सत्यजीत के स्वजन का दावा है कि फर्जी वीडियो तैयार करके उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। शव के पास से ढाई पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने इसका उल्लेख किया है। चार लोगों के नाम लिखे हैं।
बंगाल में भाजपा नेताओं पर जानलेवा हमला मामले में एक गिरफ्तार
बंगाल में दो भाजपा नेताओं पर जानलेवा हमले के मामले में एनआइए ने कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतल्ला इलाके से विक्की राय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अदालत में पेश करने पर उसे 18 नवंबर तक के लिए एनआइए की हिरासत में भेज दिया गया।मालूम हो कि आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के विरोध में भाजपा समर्थित एक संगठन की ओर से गत 24 अगस्त को बंद बुलाया था। उस दिन प्रियांग्शु पांडे व रवि सिंह नामक भाजपा नेताओं पर कुछ लोगों ने जानलेवा हमला किया।
उनकी गाडि़यों पर गोलियां चलाई गईं और बम फेंके गए। हमले में दोनों बाल-बाल बचे। इसमें विक्की राय का नाम सामने आया था, वह हमले के बाद से फरार था। बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट ने मामले की आरंभिक जांच की, जिसके बाद इसे एनआइए को सौंप दिया गया था।
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