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हॉस्टल में हुई बेटे की संदिग्ध मौत के मामले में CBI जांच की मांग, कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख करेगा पीड़ित परिवार

विजयवाड़ा के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के छात्रावास में बंगाल के छात्र की हुई संदिग्ध मौत के मामले में पीड़ित परिवार ने कलकत्ता हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है। दरअसल परिवार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस संबंध में परिवार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पीएम मोदी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को पत्र भी लिखा है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 19 Aug 2023 12:57 PM (IST)
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छात्रावास में हुई संदिग्ध मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट जाएगा पीड़ित परिवार

कोलकाता, एजेंसी। आंध्र प्रदेश के प्रतिष्ठित छात्रावास में एक छात्र की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए पीड़ित परिवार ने कलकत्ता के हाई कोर्ट का रुख किया है। दरअसल, अब तक की जांच से पता लगा है कि छात्र ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।

राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को लिख चुके हैं पत्र

पीड़ित छात्र के माता-पिता पहले ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. को पत्र लिख चुके हैं। आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

इन सभी पत्रों में पीड़ित पिता ने दावा किया है कि विजयवाड़ा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र छात्रावास की 11वीं मंजिल की बालकनी से कथित तौर पर गिरकर उनके बेटे की मौत नहीं हुई है, वास्तव में रैगिंग के कारण हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को मौत के मुंह में धकेला गया है।

इंजीनियरिंग के लिए राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद, सौरोदीप चौधरी को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के विजयवाड़ा स्थित कंप्यूटर इंजीनियरिंग केएल विश्वविद्यालय में दाखिला मिला था।

फोन पर बताई मौत की खबर

25 जुलाई को, उनके पिता सुदीप चौधरी, जो पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के मिदनापुर में एक होम्योपैथी कॉलेज में होम्योपैथी विभाग में प्रोफेसर हैं, उन्होंने दावा किया कि 24 जुलाई को उन्हें विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने फोन करके बताया कि उनके बेटे की छात्रावास के 11वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई है।

यूनिवर्सिटी पर भी लगाया आरोप

पीड़ित पिता ने कहा, "हालांकि, जब हम वहां पहुंचे, तो हम उसके शरीर को देखकर चौंक गए, क्योंकि उसके शरीर पर ऐसी कोई चोट नहीं थी, जो 11वीं मंजिल से गिरने के बाद अपरिहार्य है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का दृष्टिकोण भी उतना ही संदिग्ध था। जब मैंने छात्रों के छात्रावास में जाने पर जोर दिया तो, उन्होंने विरोध किया। विश्वविद्यालय के अधिकारी शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने में भी अनिच्छुक थे।"

सुदीप चौधरी ने पहले ही विजयवाड़ा के स्थानीय ताडेपल्ली पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। अब वे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

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