जमीन विवाद में अमर्त्य सेन का पक्ष लेने को लेकर विश्वभारती विश्वविद्यालय ने छात्र को जारी किया नोटिस
विश्वभारती विश्वविद्यालय ने हाल में अमर्त्य सेन को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत वापस करने को कहा है। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद इस समय चरम पर है।
By Amit SinghEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 14 Feb 2023 06:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के साथ चल रहे जमीन विवाद में विश्वभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के रुख का सार्वजनिक रूप से इंटरनेट मीडिया पर विरोध करने व सेन का पक्ष लेने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब अपने एक छात्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पोस्टग्रेजुएट के छात्र सोमनाथ को सोमवार को भेजे नोटिस में विश्वविद्यालय ने पूछा है कि जिस तरह से उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक पोस्ट कर विश्वविद्यालय को बदनाम करने की कोशिश की है, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। विश्वभारती ने कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कारण बताओ नोटिस के साथ सोमनाथ के दो फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशाट भी संलग्न किए हैं।
बता दें कि विश्वभारती ने हाल में अमर्त्य सेन को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत वापस करने को कहा है। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद इस समय चरम पर है। सेन और राज्य सरकार विश्वविद्यालय के दावे को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई व बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। बता दें कि छात्र पर आरोप है कि 28 जनवरी को एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा, भूमि एवं भूमि सुधार अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1.38 एकड़ जमीन के मालिक अमर्त्य सेन के पिता स्वर्गीय आशुतोष सेन हैं।
छात्र ने सेन पर 13 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जे के विश्वभारती के दावे और इसे वापस लौटाने के लिए दबाव बनाने को लेकर विश्वविद्यालय की खिंचाई की।उसपर आरोप है कि हाल ही में एक पोस्ट में उसने लिखा, प्रोफेसर सेन को दी गई जमीन के पट्टे के साथ विश्वभारती के अधिकारी जो कर रहे हैं वह बर्बरता का एक रूप है। जो लोग इस बर्बरता का समर्थन कर रहे हैं वे अच्छी तरह जानते हैं कि यह अमर्त्य सेन को गाली देने के अलावा और कुछ नहीं है।
बता दें कि विश्वभारती शुरू से ही दावा करता रहा है कि अमर्त्य के पिता को कभी भी 1.38 एकड़ जमीन का पट्टा नहीं दिया गया। 1.25 एकड़ जमीन पट्टे पर दी गई थी। उसी के आधार पर विश्वभारती 13 डिसमिल जमीन वापस मांग रहा है। छात्र ने विवादित जमीन के एक सरकारी दस्तावेज की तस्वीर भी पोस्ट की। इसमें दावा किया गया कि प्रोफेसर सेन के पिता को 1.25 एकड़ नहीं, बल्कि 1.38 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। छात्र को भेजे कारण बताओ पत्र में विश्वभारती ने दावा किया कि सोमनाथ का पोस्ट झूठी जानकारी से भरा था और भूमि के स्वामित्व के दस्तावेजों के साथ कोई मेल नहीं खाता है। बता दें कि भूमि विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पिछले महीने सेन के घर का दौरा किया था और भूमि के दस्तावेज उन्हें सौंपे थे।
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