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अपराजिता विधेयक पर राज्यपाल ने ममता बनर्जी को घेरा, कहा- तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी; चालबाजी का लगाया आरोप

West Bengal Aparajita Bill 2024 अपराजिता विधेयक पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस आमने-सामने आ गए हैं। राज्यपाल ने सरकार पर चालबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधेयक के साथ तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना भी की। उन्होंने राज्य सचिवालय को भी फटकार लगाई।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 06 Sep 2024 11:51 AM (IST)
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राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस और सीएम ममता बनर्जी। ( फाइल फोटो )

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने राज्य विधानसभा में पारित दुष्कर्म विरोधी अपराजिता महिला व बाल सुरक्षा संशोधन विधेयक के साथ राजभवन को तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की है।

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के मद्देनजर जारी देशव्यापी विरोध- प्रदर्शनों के बीच ममता सरकार ने दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड की सजा के प्राविधान वाला अपराजिता संशोधन विधेयक- 2024 विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बीते मंगलवार को पारित कराया है।

पहले भी नहीं भेजी तकनीकी रिपोर्ट

राजभवन के आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि नियमानुसार सरकार का यह कर्तव्य है कि विधेयक को मंजूरी देने पर निर्णय लेने से पहले तकनीकी रिपोर्ट भेजे। यह पहली बार नहीं है कि राज्य सरकार ने तकनीकी रिपोर्ट रोकी है और विधेयकों को रोकने (लंबित रहने) के लिए राजभवन को दोषी ठहराया है।

राज्य सचिवालय को लगाई फटकार

राजभवन ने सरकार की कमियों को छिपाने व लोगों को गुमराह करने के लिए राज्य सचिवालय नवान्न को फटकार लगाई है। राजभवन का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उठाई गई सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए राज्यपाल बोस ने अपराजिता विधेयक पर त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने विधेयक पर सरकार की तकनीकी रिपोर्ट भेजने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री की खिंचाई की है, जो नियमों के तहत अनिवार्य है।

नकल है बंगाल का अपराजिता विधेयक

राज्यपाल ने सरकार को इस तरह के महत्वपूर्ण मामलों में अपना होमवर्क करने की नसीहत दी है। राज्यपाल ने यह भी कहा है कि बंगाल सरकार द्वारा लाया गया अपराजिता विधेयक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश द्वारा पहले पारित समान विधेयकों की नकल है।

राष्ट्रपति के पास लंबित हैं अन्य राज्यों के बिल

राज्यपाल ने कहा कि यह अच्छी तरह जानते हुए कि उन राज्यों द्वारा पहले पारित ये विधेयक भारत के राष्ट्रपति के पास लंबित हैं, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केवल बंगाल के लोगों को धोखा देने के लिए अपराजिता विधेयक को तत्काल मंजूरी नहीं देने पर राजभवन के बाहर धरने की धमकी दे रही हैं।

पीड़िता की माता-पिता की भावनाओं की अनदेखी का आरोप

राज्यपाल ने बंगाल के समकालीन इतिहास के ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर इस तरह की चालबाजियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर पीड़ित के माता-पिता की भावनाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह की राजनीतिक चालबाजियों पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की।

अर्ध बुद्धि की सरकार कहा

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि ‘ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है’। राज्यपाल ने यह भी टिप्पणी की थी कि यह आधी सच्चाई पर चलने वाली अर्ध बुद्धि की सरकार प्रतीत होती है।

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