WB SSC Scam: एसएससी भर्ती घोटाले में सीबीआइ का बड़ा खुलासा,परीक्षा में अंक मिला शून्य और सर्वर से हो गया 70
एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सीबीआइ की रिपोर्ट सबसे बड़े सबूत के साथ सामने आई है। रिपोर्ट में इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ इस भर्ती घोटाले में पूरा शिक्षा विभाग शामिल था। रिपोर्ट देखकर जज स्तब्ध वकील अवाक रह गए।
By JagranEdited By: Sumita JaiswalUpdated: Wed, 28 Sep 2022 06:37 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीबीआइ ने आज बुधवाऱ (28 सितंबर) को बंगाल स्कूल सेवा आयोग(एसएससी) भर्ती घोटाला में सनसनीखेज खुलासा किया है। सीबीआइ ने कलकत्ता हाई कोर्ट को फारेंसिक रिपोर्ट सौंपी हैं जिसमें कई चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार फेल हुए अभ्यर्थियों का नंबर भी एसएससी सर्वर में बदलकर उसे पास कर दिया गया था। इस तरह से ग्रुप सी में 3,481 और ग्रुप डी में 2,823 अभ्यर्थियों के नंबर बदले गए। इन अभ्यर्थियों में से किसी को परीक्षा में एक तो किसी को शून्य नंबर मिले थे। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि एसएससी सर्वर रूम से तीन हार्ड डिस्क जब्त कर उसकी जांच की गई है जिससे यह जानकारी सामने आई है।
एसएससी सर्वर में बदल दिए गए प्राप्तांक
जैसा कि उस हार्ड डिस्क की फारेंसिक जांच में पता चला है कि अभ्यर्थियों को परीक्षा में एक या शून्य अंक मिले थे, लेकिन सर्वर रूप में उसके प्राप्तांक बदल दिए गए। सीबीआइ ने बुधवार को हाई कोर्ट में कुल चार रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें ग्रुप सी, ग्रुप डी, एसएलएसटी 11-12वीं और एसएसएसटी नौवीं-10वीं के शिक्षकों की भर्ती से जुड़ी रिपोर्ट है। हर रिपोर्ट में विस्फोटक जानकारी है। अब तक नंबर बदलने की जो शिकायत की जा रही थी अब सीबीआइ ने सबूत के साथ रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है।
रिपोर्ट देखकर जज स्तब्ध, वकील अवाक
रिपोर्ट के अनुसार, ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा के शिक्षकों की भर्ती के लिए एसएससी सर्वर में 907 उम्मीदवारों के प्राप्तांक बदले गए। जिनमें से 631 नाम पैनल में हैं। वहीं नौवीं-दसवीं कक्षा के शिक्षकों की भर्ती में 952 अभ्यर्थियों के प्राप्तांक में बदलाव किया गया। सभी उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन की गई प्रतियां भी बरामद कर ली गई हैं। जिससे प्रमाणित हुआ है कि अभ्यर्थियों को वास्तव में एक या 0 अंक प्राप्त मिले थे और वे सब फेल थे, लेकिन सर्वर में उन अभ्यर्थियों का प्राप्तांक बदल कर 50 या 70 कर दिया गया। यहां तक कि खाली ओएमआर शीट भी जमा कर दी गई थी। परीक्षा में उक्त अभ्यर्थी ने कुछ नहीं लिखा लेकिन बाद में उस पर 53 नंबर मार्किंग कर दी गई। कुल मिलाकर एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सीबीआइ की रिपोर्ट सबसे बड़े सबूत के साथ सामने आई है। यह सबूत बताने को काफी है कि इस भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। सीबीआइ की रिपोर्ट में इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ इस भर्ती घोटाले में पूरा शिक्षा विभाग शामिल था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कहा कि 'मैं स्तब्ध हूं!' दूसरी ओर, सीबीआइ के वकील ने कहा कि 'मैं अवाक हूं!'फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों की जज ने मांगी सूची
इसके बाद जस्टिस गांगुली ने इस तरह फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पाने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अवैध रूप से नौकरी पाने वाले सभी लोग अपनी नौकरी खुद से छोड़ दें। अगर वे खुद इस्तीफा दे देते हैं तो कोर्ट कोई कार्रवाई नहीं करेगी। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अदालत मामले को दूसरे तरीके से निपटाएगी। यदि वे अभ्यर्थी इस्तीफा नहीं देते हैं, तो मैं ऐसा आदेश दूंगा कि भविष्य में वे कभी सरकारी नौकरी नहीं कर पाएंगे। यदि वे इस्तीफा दे देते हैं, तो मैं समझूंगा कि उन्होंने जो किया है उसका वे गलती मान रहे हैं। अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।
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