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ईडी की अर्जी के खिलाफ अनुब्रत ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मंडल की ओर से कपिल सिब्बल लड़ रहे केस

ईडी के मुताबिक सहगल को दिल्ली ले जाया गया है। अगली सुनवाई शुक्रवार को हो सकती है। चूंकि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में है अनुब्रत को दिल्ली ले जाने के संबंध में ईडी के आवेदन पर आधारित मामले की सुनवाई मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में नहीं हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalUpdated: Tue, 22 Nov 2022 07:45 PM (IST)
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बंगाल के बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मवेशी तस्करी मामले में ईडी की अर्जी के खिलाफ बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। तृणमूल नेता की ओर से कपिल सिब्बल केस लड़ रहे हैं। ईडी की अर्जी का विरोध करते हुए सिब्बल मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए और कहा कि इस मामले में ज्यादातर शिकायतें बंगाल में दर्ज की गई हैं। नतीजतन ईडी अनुब्रत को हिरासत में लेकर बंगाल में ही पूछताछ करे। सिब्बल के तर्क का विरोध करते हुए, केंद्रीय जांच एजेंसी ने मवेशी तस्करी मामले में पकड़े गए अनुब्रत के अंगरक्षक सहगल हुसैन का मुद्दा उठाया।

मवेशी तस्करी के मामले में ईडी ने पिछले गुरुवार को अनुब्रत से आसनसोल सुधार गृह में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की थी। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ईडी ने अनुब्रत को दिल्ली ले जाने के लिए कदम उठाया। पिछले शुक्रवार को ईडी के वकीलों ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में तृणमूल नेता के नाम से प्रोडक्शन वारंट जारी करने का अनुरोध दायर किया था। उस अर्जी को स्वीकार करने के बावजूद न्यायाधीश ने कोई निर्देश नहीं दिया।

अनुब्रत की कार में लाल बत्ती के मामले में कोर्ट ने राज्य से मांगा जवाब

बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल की कार में लाल बत्ती क्यों लगी है, इस सवाल पर कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है। कोर्ट ने उस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने राज्य से पूछा, क्या ये लाल और नीली बत्ती वाली कारें वैध हैं? हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य को अगले सोमवार तक जवाब के साथ अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

कुछ दिनों पहले अनुब्रत की कार में लाल बत्ती लगाने के मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें संदेह जताया गया था कि एक राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष होने के नाते अनुब्रत ने अपनी कार में लाल बत्ती का इस्तेमाल कैसे किया। वकील तरुणज्योति तिवारी ने केस किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि जहां राज्य के मुख्यमंत्री अपनी कार में लाल या नीली बत्ती का इस्तेमाल नहीं करतीं, ऐसी कार पर कोई मंत्री भी नहीं सवार होता, तो तृणमूल बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत को इसकी अनुमति कैसे मिल गई? इस मामले ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। यह पूछा गया था कि अनुब्रत के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मंगलवार को कोर्ट ने उन तमाम शिकायतों के बाद राज्य सरकार से जानना चाहा कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कारों में दिखने वाली लाल बत्ती और नीली बत्ती का इस्तेमाल, क्या ये कानूनी हैं? पूरे राज्य में लाल बत्ती और नीली बत्ती वाली कारों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?

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