WB Recruitment Scam: मनचाही पोस्टिंग के लिए लगती थी बोली..., अब बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले शिक्षकों की जांच में जुटी CBI
West Bengal teachers recruitment scam बंगाल भर्ती घोटाला मामले में जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि अलग-अलग पोस्टिंग के लिए अलग-अलग दरें ली गई थीं। सबसे अधिक राशि उम्मीदवारों के निवास के सबसे नजदीक पोस्टिंग के लिए ली गई थी। सीबीआइ अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया अकेले 2016 में भुगतान के बदले नौकरी पाने वाले लगभग 2500 उम्मीदवारों की पहचान की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीबीआई बंगाल के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले कुछ शिक्षकों की जांच कर रही है, जिन पर स्कूल में नौकरी के लिए पैसे देने के मामले में बिचौलियों की भूमिका निभाने का संदेह है।
जांच में सामने आए कई नाम
सूत्रों ने बताया कि शिक्षकों की बिचौलियों की भूमिका कुछ उम्मीदवारों से पूछताछ के दौरान सामने आई, जिन पर मोटी रकम देकर नियुक्ति पाने का संदेह है।
उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में काम करने वाले 11 शिक्षक और दो गैर-शिक्षण कर्मचारी भर्ती में उनकी भूमिका के लिए केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। वे उन 35 नए बिचौलियों में शामिल हैं, जिनके नाम पिछले कुछ महीनों में जांच के दौरान सामने आए हैं।
CBI ने की करीब 2,500 उम्मीदवारों की पहचान
जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि अलग-अलग पोस्टिंग के लिए अलग-अलग दरें ली गई थीं। सबसे अधिक राशि उम्मीदवारों के निवास के सबसे नजदीक पोस्टिंग के लिए ली गई थी। सीबीआइ अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया अकेले 2016 में भुगतान के बदले नौकरी पाने वाले लगभग 2,500 उम्मीदवारों की पहचान की है।
जांच एजेंसियों ने पार्थ चटर्जी को बताया मामले का मास्टरमाइंड
सीबीआइ और ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने अलग-अलग आरोप पत्रों में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया है। केंद्रीय एजेंसियों ने अपने आरोपपत्र में यह भी पता लगाने की कोशिश की है कि प्रभावशाली बिचौलियों की पार्थ चटर्जी के आवास तक कितनी आसान पहुंच थी। मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से पार्थ चटर्जी 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।