West Bengal: आपराधिक मुकदमे के कारण पासपोर्ट देने से इनकार नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाई कोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मुकदमा होना ही उस व्यक्ति को पासपोर्ट जारी करने से इनकार करने का एकमात्र कारण नहीं हो सकता है। न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य की एकलपीठ ने यह टिप्पणी एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इस आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया गया था कि उसके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा लंबित था।
आरोपित को पासपोर्ट जारी करने से इनकार का मामला
अधिकारियों को दिया निर्देश
हाई कोर्ट ने पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों को अगले सात दिनों के भीतर संबंधित महिला के लिए 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' उनकी अदालत में उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। साथ ही अधिकारियों को अगले एक महीने के भीतर वादी को पासपोर्ट जारी करने के लिए भी कहा गया है। यह पता चला है कि बंगाल के हुगली जिले के आरामबाग की रहने वाली याचिकाकर्ता देबोरिमा बंद्योपाध्याय अपने इलाके में एक युवक पवित्रा सरकार की आत्महत्या के बाद एक आपराधिक मुकदमे में उसका नाम शामिल हो गया था।न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की टिप्पणी का वकील ने किया स्वागत
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि 'यात्रा का अधिकार' एक मौलिक अधिकार है, जिसे केवल आपराधिक मुकदमे के अस्तित्व के कारण अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए न तो पासपोर्ट जारी करने से इनकार किया जा सकता है और न ही मौजूदा पासपोर्ट को जब्त किया जा सकता है जब तक कि इसके लिए उचित या उचित आधार न हों।
गुप्ता ने कहा कि किसी आपराधिक मामले का अस्तित्व मात्र ही उचित या उचित आधार की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए मैं इस कदम का तहे दिल से स्वागत करता हूं।