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ममता ने दो घंटे इंतजार किया, हाथ भी जोड़े; फिर फेल हुई डॉक्टरों और मुख्यमंत्री की बातचीत

आरजी कर कांड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व जूनियर डाक्टरों में बैठक बेहद नाटकीय घटनाक्रमों के बीच शनिवार को फिर नहीं हो पाई। राज्य सचिवालय की तरह जूनियर डाक्टर मुख्यमंत्री के कालीघाट इलाके में स्थित घर के दरवाजे से लौट गए। जूनियर डॉक्टर बैठक का सीधा प्रसारण चाहते थे। मुख्यमंत्री का घर होने के कारण सुरक्षा का हवाला देकर इससे इन्कार कर दिया गया।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 14 Sep 2024 10:57 PM (IST)
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फेल हुई डॉक्टरों और मुख्यमंत्री की बातचीत (फोटो-एएनआई)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : राज्य सचिवालय के बाद अब मुख्यमंत्री का घर। आरजी कर कांड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व जूनियर डाक्टरों में बैठक बेहद नाटकीय घटनाक्रमों के बीच शनिवार को फिर नहीं हो पाई। राज्य सचिवालय की तरह जूनियर डाक्टर मुख्यमंत्री के कालीघाट इलाके में स्थित घर के दरवाजे से लौट गए। जूनियर डाक्टर बैठक का सीधा प्रसारण चाहते थे।

मुख्यमंत्री का घर होने के कारण सुरक्षा का हवाला देकर इससे इन्कार कर दिया गया। इसके बाद जूनियर डाक्टरों ने दोनों पक्षों की ओर से बैठक की वीडियो रिकार्डिंग कराने की मांग की। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि वीडियो रिकार्डिंग सिर्फ राज्य सरकार की ओर से कराई जाएगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बाद में उसे जूनियर डाक्टरों के साथ साझा किया जाएगा। जूनियर डाक्टर इसपर भी राजी हो गए।

'बातचीत नहीं हो सकती आप लोग चले जाए'

इसके बाद राज्य सरकार से बैठक का हस्ताक्षरित मिनट्स देने को कहा गया तो इससे भी इन्कार कर दिया गया। जूनियर डाक्टरों ने कहा कि वहां मौजूद स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने उनसे कहा कि अब काफी देर हो चुकी है। बातचीत नहीं हो सकती। आप लोग चले जाए।

जूनियर डाक्टरों ने इसे अपना अपमान बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है मानों धक्का देकर भगा दिया गया है। उन्होंने अपनी हड़ताल व स्वास्थ्य भवन के सामने धरना जारी रखने की घोषणा की है। बैठक नहीं होने के बाद उन्होंने ममता के घर के पास 'जस्टिस फार आरजी करके नारे लगाए।

दो घंटे इंतजार करती रहीं ममता

ममता अपने घर पर दो घंटे जूनियर डाक्टरों का इंतजार करती रही। दूसरी तरफ जूनियर डाक्टर उनके घर के बाहर बारिश में छतरी लेकर खड़े रहे। इसके बाद ममता बाहर निकलीं और हाथ जोड़कर उनसे बैठक में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा कि बैठक को लेकर जो पत्राचार हुआ है, उसमें दोनों पक्षों की ओर से बैठक के सीधे प्रसारण की बात नहीं कही गई है।

दोपहर को अचानक जूनियर डाक्टरों के धरना मंच पर पहुंची थी ममता

मुख्यमंत्री शनिवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य भवन के पास जूनियर डाक्टरों के धरना स्थल पर पहुंचीं थी और उनसे हड़ताल खत्म करने का अनुरोध किया था। उन्होंने जूनियर डाक्टरों की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। ममता ने जूनियर डाक्टरों से कहा था-'मैं आपके पास मुख्यमंत्री नहीं बल्कि दीदी की तरह आई हूं। मैं आपके आंदोलन का समर्थन करती हूं। आप आंधी-तूफान में धरने पर बैठे हैं। आप और तकलीफ न उठाकर काम में लौट जाएं। मुझे थोड़ा समय दें। आपकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।

इसके बाद जूनियर डाक्टरों की ओर से राज्य सचिवालय में ईमेल करके मुख्यमंत्री के साथ बैठक का प्रस्ताव भेजा गया, जिसके जवाब में मुख्य सचिव मनोज पंत ने मेल करके जूनियर डाक्टरों को शनिवार शाम छह बजे राज्य सचिवालय के बजाय मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित निवास स्थल में आने को कहा था। मुख्य सचिव ने 15 लोगों को आने को कहा लेकिन बस से 30 जूनियर डाक्टरों का प्रतिनिधिदल कालीघाट पहुंचा था।

मुख्यमंत्री ने भंग की सभी सरकारी अस्पतालों की मरीज कल्याण कमेटी

ममता ने जूनियर डाक्टरों के धरनास्थल से आरजी कर समेत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों की मरीज कल्याण कमेटी भंग करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अस्पताल के अध्यक्ष को ही उसकी मरीज कल्याण कमेटी का चेयरमैन बनाया जाएगा। इसमें जूनियर डाक्टर, नर्स, पुलिस व जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे। उन्होंने आंदोलनकारी जूनियर डाक्टरों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करने की भी बात कही।

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