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'हम लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं...' सीएम ममता ने CAA-NRC को बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए बताया संवेदनशील

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की अधिसूचना जारी करने पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। शुरू से ही इस कानून का पुरजोर विरोध कर रहीं ममता ने कहा कि अगर सीएए लोगों के समूहों के साथ कोई भेदभाव करता है किसी को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Mon, 11 Mar 2024 09:14 PM (IST)
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सीएम ममता ने CAA-NRC को बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए बताया संवेदनशील। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की अधिसूचना जारी करने पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। शुरू से ही इस कानून का पुरजोर विरोध कर रहीं ममता ने कहा कि अगर सीएए लोगों के समूहों के साथ कोई भेदभाव करता है, किसी को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। मैं इसका विरोध करूंगी और इसके खिलाफ लडूंगी।

सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए ममता ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं। सीएए लागू होने से ठीक पहले राज्य सचिवालय नवान्न में जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज का विरोध करेंगे।

सीएए लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का प्रचार

ममता ने सीएए को लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का प्रचार व दिखावा भी बताया और कहा कि यह इसके सिवाय कुछ भी नहीं है। ममता ने कहा कि हमें पहले केंद्र के नियमों को देखने दीजिए, इसे पढ़ने के बाद इस मुद्दे पर फिर बात करेंगे।

ममता ने कहा कि सीएए के जरिए मतुआ व अन्य लोगों (शरणार्थियों) को नागरिकता देने की बात कही जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि वे (मतुआ) पहले नागरिक नहीं थे?

प्रधानमंत्री ने उनका वोट लिया, जिनके लिए सीएए बनाया गया

उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री उन लोगों के वोटों से चुने गए जिनके लिए सीएए बनाया गया था। क्या उनका वोट बेकार है? ममता ने कहा कि मतुआ नागरिक नहीं थे तो फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव से लेकर सभी चुनावों में वोट कैसे दिया। ममता ने कहा कि अगर सीएए दिखाकर एनआरसी लाकर यहां के लोगों की नागरिकता खत्म की जाएगी तो मैं चुप नहीं बैठूंगी। मैं एनआरसी को स्वीकार नहीं कर सकती।

चुनाव से पहले इसकी घोषणा क्यों?

ममता ने यह भी सवाल किया कि सीएए 2020 में पारित किया गया था। इसी अधिसूचना जारी करने में चार साल क्यों लगे? आज चुनाव से पहले इसकी घोषणा क्यों की जा रही है?

राजनीतिक उद्देश्य से सीएए किया गया है लागू- ममताबाला

वहीं, मतुआ समुदाय से आने वालीं तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य ममताबाला ठाकुर ने कहा कि राजनीतिक उद्देश्य से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएए को लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिकता के लिए क्या-क्या दस्तावेज लगेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। अगर नागरिकता के लिए कोई शर्त लगाया गया तो हम सड़कों पर उतरेंगे।

सीएए से ममता की नींद हराम- भाजपा

दूसरी तरफ, सीएए की अधिसूचना जारी करने पर बंगाल भाजपा के अध्यक्ष व लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही बताया था कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू हो जाएगा। किसी को भी इससे परेशानी नहीं है, लेकिन हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इससे नींद नहीं आ रही है। उन्होंने ममता पर सीएए के नाम पर लोगों को गुमराह करने और उकसाने का भी आरोप लगाया।

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