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West Bengal: विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर बढ़ी तकरार, राज्यपाल बोले- चार बजे के बाद दूंगा जवाब

पश्चिम बंगाल में विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर मामला गरमाता जा रहा है। दो नवनिर्वाचित विधायक इस मुद्दे पर विधानसभा परिसर में धरने पर भी बैठे थे। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस को दिल्ली के ताज होटल पैलेस को लेकर धमकी भी थी। इसके जवाब में अब राज्यपाल ने अपना बयान जारी किया है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 29 Jun 2024 08:22 AM (IST)
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राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस का टीएमसी नेता को जवाब (file photo)
एएनआई, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने हाल ही में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ को लेकर राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था, राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस को सम्मानपूर्वक सूचित करना चाहता हूं कि अगर सोमवार दोपहर 3 बजे तक हमारे दोनों तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने शपथ नहीं ली तो मंगलवार से दिल्ली के होटल ताज पैलेस की अनकही कहानी सामने आ जाएगी।

अब इसके बाद राज्यपाल का जवाब सामने आया है। उन्होंने कहा, वह टीएमसी नेता की तरफ से दी गई समय सीमा के बाद जवाब देंगे। उन्होंने कहा, मैं उस दिन शाम चार बजे के बाद इसका जवाब दूंगा। इस बीच, पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय का भी बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस स्थिति को समझेंगे और दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ समारोह के लिए जल्द ही विधानसभा आएंगे।

'राज्यपाल को इसी नियम का करना चाहिए पालन'

बिमान बंद्योपाध्याय ने आगे कहा, 'मैंने भारत के राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा और कल रात मेरी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से बातचीत हुई। पिछली बार जब ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा से उपचुनाव में जीती थीं, तब सभापति जगदीप धनखड़ विधानसभा में आए थे और शपथ ली थी समारोह हुआ। मुझे लगता है कि इस बार भी पश्चिम बंगाल के वर्तमान राज्यपाल को इसी नियम का पालन करना चाहिए।'

धरने पर बैठे थे नवनिर्वाचित विधायक 

इससे पहले, राज्यपाल सीवी आनंद बोस के मना करने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नवनिर्वाचित विधायकों, रेयात हुसैन सरकार और सयंतिका बनर्जी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना शुरू किया। राज्यपाल ने उन्हें राजभवन में आमंत्रित किया था। लेकिन दोनों विधायकों ने राज्यपाल के आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया और दावा किया कि ऐसी परंपरा है कि राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए स्पीकर या डिप्टी स्पीकर को नियुक्त करते हैं।

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