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'जनता पर थोपा गया तीनों आपराधिक कानून', TMC ने विधानसभा में भारतीय न्याय संहिता के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव

ममता सरकार ने केंद्र पर तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाय है। वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारतीय विधि आयोग और कानूनविदों से परामर्श किए बिना ये तीनों कानून बनाए हैं। उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर राजनीतिक एजेंडे के तहत जल्दबाजी में इसे लागू करने और देश पर इसे थोपने का आरोप लगाया।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Wed, 31 Jul 2024 08:21 PM (IST)
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पश्चिम बंगाल विधानसभा । फाइल फोटो ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र के तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में जल्दबाजी के खिलाफ बुधवार को बंगाल विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया। राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने विधानसभा के नियम 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया।

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने की केंद्र की आलोचना

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और सत्तारूढ़ दल के अन्य विधायकों ने पुराने कानूनों की तुलना में नए कानूनों को कठोर बताते हुए केंद्र की आलोचना की। चंद्रिमा ने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारतीय विधि आयोग और कानूनविदों से परामर्श किए बिना ये तीनों कानून बनाए हैं।

देश पर नए आपराधिक कानूनों को थोपने का लगाया आरोप

उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर राजनीतिक एजेंडे के तहत जल्दबाजी में इसे लागू करने और देश पर इसे थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने इस कानून के जरिए पुलिस राज कायम करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने उन्होंने कहा कि नए कानून में हिरासत में रखने की कोई विशेष समय सीमा मौजूद नहीं है और इस तरह पुलिस किसी को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखकर परेशान कर सकती है। पुलिस के हाथों में बड़ी शक्ति दी गई है। कोई भी, बिना किसी सबूत के इस कानून का शिकार हो सकता है। किसी को पता नहीं कब एफआईआर हो जाए।

चंद्रिमा ने कानून के पारित होने के समय पर उठाया सवाल

चंद्रिमा ने कहा कि तीनों नए कानून- भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 संसद से तब पारित किए जब विपक्षी दलों के 147 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में इन्हें बिना किसी चर्चा के राज्यसभा में भी पारित कर दिया गया।

विपक्षी भाजपा ने प्रस्ताव का किया विरोध

उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ये तीनों नए कानून राज्यों की शक्ति का अतिक्रमण करते हैं इसलिए इसकी समीक्षा जरूरी है। प्रस्ताव पर गुरुवार को भी सदन में डेढ़ घंटे चर्चा होगी और इसके बाद इसे पारित किया जाएगा। विपक्षी भाजपा ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ और केंद्र को छोटा दिखाने के लिए तृणमूल सरकार ने यह प्रस्ताव लाया है।

ममता सरकार शुरू से तीनों कानूनों का कर रही है विरोध

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही तीनों नए कानूनों का पुरजोर विरोध कर रही हैं। तीनों कानूनों की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने हाल में सात सदस्यीय एक विशेष समिति भी गठित की है।

चंद्रिमा ने कहा कि यह देखा जाएगा कि क्या राज्य सरकार इन तीनों कानूनों के संबंध में संशोधन ला सकती है। इससे पहले एक जुलाई से नए कानूनों के देश में लागू होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इसे जल्दबाजी लागू नहीं करने और इसकी समीक्षा करने का आग्रह किया था।

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