West Bengal: दुर्गा पूजा पंडाल में तोड़फोड़ की घटनाओं पर हाई कोर्ट सख्त, डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न पूजा पंडालों पर हुए कथित हमलों पर पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) से रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अगुवाई वाली खंडपीठ ने राज्य भर के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और सभी आयुक्तों को विभिन्न जिलों में दुर्गा पूजा के दौरान हुई घटनाओं और उन्होंने क्या कार्रवाई की इस पर डीजीपी को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न पूजा पंडालों पर हुए कथित हमलों पर पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) से रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अगुवाई वाली खंडपीठ ने राज्य भर के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और सभी आयुक्तों को विभिन्न जिलों में दुर्गा पूजा के दौरान हुई घटनाओं और उन्होंने क्या कार्रवाई की, इस पर डीजीपी को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। डीजीपी रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और अपनी अंतिम रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेंगे। इसके बाद राज्य सरकार को 14 नवंबर को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
जस्टिस भट्टाचार्य की पीठ विश्व हिंदू परिषद की नदिया जिला शाखा की अध्यक्ष रितु सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।याचिका में रितु ने अदालत से अपील की कि वह कोलकाता के गार्डनरीच और राज्य के अन्य हिस्सों में दुर्गा पूजा पंडाल पर हुए हमलों की पारदर्शी जांच का आदेश दे। सिंह ने अदालत से जांच की जिम्मेदारी राज्य एजेंसियों के बजाय किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की अपील की थी।
राज्य की ओर से पेश होते हुए, बंगाल के महाधिवक्ता ने कहा कि हालांकि याचिका में दुर्गा पूजा पंडालों पर हमलों की कई घटनाओं का उल्लेख किया गया था, लेकिन सिंह ने घटनाओं के बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने रिपोर्ट सौंपने के लिए कोर्ट से समय भी मांगा है।
कोलकाता के पांच मेडिकल कालेजों में एक नवंबर से शुरू होगा सेंट्रल रेफरल सिस्टम
राज्य मुख्य सचिव मनोज पंत ने आरजी कर कांड के खिलाफ आंदोलन कर रहे डाक्टरों के साथ बैठक के बाद मेडिकल कालेज अस्पतालों राज्य में आनलाइन रेफरल प्रणाली शुरू की जाएगी।एमआर बांगुर अस्पताल को 'केंद्र' बनाकर दक्षिण 24 परगना जिले में पायलट प्रजोक्ट के रूप में ऑनलाइन रेफरल प्रणाली पहले ही शुरू की गई थी। उस कार्य के आधार पर एक नवंबर को कोलकाता के पांच मेडिकल कालेज अस्पतालों के साथ जिला व प्रखंड अस्पतालों को आनलाइन जोड़ा जा रहा है।बुधवार को इसका रिहर्सल आरजी कर, कलकत्ता मेडिकल कालेज, एसएसकेएम, एनआरएस, नेशनल मेडिकल कालेज के साथ किया गया। एक नवंबर से यह सिस्टम इन मेडिकल कालेजों में शुरू हो जाएगा।
उसी समय लालबाजार ने इन पांच अस्पतालों में सुरक्षा ऑडिट किया। जूनियर डाक्टरों के एक वर्ग की मांग थी कि अस्पताल की बाहरी जरूरतों के लिए नागरिक पुलिस के बजाय पूर्णकालिक पुलिस को तैनात किया जाना चाहिए। महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। प्रसूति एवं बाल रोग विभागों में विशेष रूप से।हालांकि, नवान्न ने इस बारे में कोई प्रशासनिक निर्णय नहीं लिया है कि आनलाइन प्रणाली शुरू होने पर भी सुरक्षा का मुद्दा तुरंत कलकत्ता पुलिस को सौंपा जाएगा या नहीं, क्योंकि आरजी कर में केद्रीय बल (सीआइएसएफ) की तैनाती सुप्रीम कोर्ट आदेश पर हुआ है। अब सवाल यह है कि अगर आनलाइन रेफरल सिस्टम शुरू हो गया तो डाक्टरों को कितना फायदा होगा, मरीजों को कितना फायदा होगा?
ऑनलाइन रेफरल सिस्टम एक ऐसी व्यवस्था है जिससे बाहर बैठे-बैठे संबंधित विभाग का डाक्टर समझ सकता है कि उसके विभाग में कितने बेड खाली हैं। फिर, जिला या ब्लाक अस्पतालों के जुड़ने से किसी मेडिकल कालेज या अस्पताल में बेड की रिक्तता भी समझ में आ जाएगी।
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