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West Bengal: हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं तोड़ा गया अवैध निर्माण, न्यायालय ने जताई नाराजगी

West Bengal कलकत्ता हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने के अपने आदेश का पालन न होने पर नाराजगी जताई है और साथ ही कोलकाता नगर निगम को फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने पूछा कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निगम ने कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया। अब कोर्ट ने कार्रवाई के लिए निगम को नई डेडलाइन दी है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 10 Aug 2024 06:11 PM (IST)
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कोर्ट ने अवैध निर्माण के गिराने के लिए पांच दिसंबर तक का वक्त दिया है। (File Image)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद महानगर के इकबालपुर में अवैध निर्माण नहीं तोड़ा गया। कोलकाता नगर निगम की इस भूमिका से जज क्षुब्ध हैं। हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने इसे लेकर टिप्पणी की कि बार-बार निर्देश के बावजूद नगर निगम अवैध निर्माण को गिराने में विफल रहा है। जहां रातों-रात घर बन जाते हैं और उसे तोड़ने में सालों लग जाता है।

जस्टिस सिन्हा ने कुछ महीने पहले इकबालपुर के डेंट मिशन रोड पर छह मंजिला अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद उस पर अमल नहीं हुआ। यही नहीं शकील अहमद सागर नाम के एक व्यक्ति अवैध निर्माण को गिराने के लिए और समय की मांग करते हुए हाई कोर्ट पहुंच गया, जिसे देखकर जज ने अपना गुस्सा जाहिर किया।

कोर्ट ने पांच दिसंबर तक का दिया समय

कोर्ट ने सवाल किया कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम ने अभी तक कोर्ट के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया है। नगर निगम के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर तोड़फोड़ की जा रही है, लेकिन इस काम को पूरा करने के लिए समय देना होगा।

वकील ने कहा कि छह मंजिला बहुमंजिला मकान को गैस कटर और हथौड़े से गिराना है, इसलिए काम बहुत धीमा है। उन्होंने कहा कि इस मकान को गिराने का काम अगले तीन महीने में पूरा किया जा सकता है। इस पर जज ने कोलकाता नगर निगम को उक्त मकान के गिराने के लिए पांच दिसंबर तक का वक्त दिया है।

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