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बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा; जमकर चले बम-गोली, 15 लोगों ने गंवाई जान

चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सभी 22 जिलों में शनिवार को एक साथ हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा से पूरा राज्य फिर लहूलुहान हो गया। सबसे संवेदनशील मुर्शिदाबाद कूचबिहार दक्षिण 24 परगना मालदा व बीरभूम जिला जो पिछले चुनावों के दौरान हमेशा हिंसा का केंद्र रहा है वहां फिर बड़े पैमाने पर हिंसा का तांडव देखने को मिला।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 08 Jul 2023 09:31 PM (IST)
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पंचायत चुनाव में एक बार फिर लहूलुहान हुआ बंगाल। फोटो- पीटीआई। ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सभी 22 जिलों में शनिवार को एक साथ हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा से पूरा राज्य फिर लहूलुहान हो गया। ग्राम पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति की करीब 64,000 सीटों के लिए सुबह मतदान शुरू होते ही विभिन्न जिलों से भारी हिंसा, झड़प, बूथ पर कब्जा, मतपत्रों को लूटने और मतदाताओं को डराने की जो घटनाएं शुरू हुई वह शाम तक जारी रही।

चुनावी हिंसा में 15 लोगों ने गंवाई जान

हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 में से करीब 600 कंपनी केंद्रीय बलों एवं 1.70 लाख से ज्यादा पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले बीती रात से लेकर शनिवार शाम तक हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि दर्जनों लोग बम- गोली व झड़प में घायल हुए हैं।

चुनाव की घोषणा के बाद अब तक 35 लोगों की मौत

इसी के साथ आठ जून को चुनाव की घोषणा के बाद से हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। हालांकि, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को तीन लोगों की मौत की ही बात कहीं है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, करीब 58,594 बूथों पर हुए मतदान में शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 2.06 लाख उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला हुआ। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी।

कई जगहों पर दिखा हिंसा का तांडव

सबसे संवेदनशील मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना, मालदा व बीरभूम जिला, जो पिछले चुनावों के दौरान हमेशा हिंसा का केंद्र रहा है, वहां फिर बड़े पैमाने पर हिंसा का तांडव देखने को मिला। मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक पांच मौतें हुई हैं। इसके बाद मालदा, पूर्व बर्द्धमान व कूचबिहार में दो-दो और दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, नदिया व उत्तर दिनाजपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत की खबर है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सबसे ज्यादा नौ, भाजपा व कांग्रेस के दो-दो, जबकि एक माकपा कार्यकर्ता एवं एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक की मौत का दावा किया गया है।

कूचबिहार में भाजपा के पोलिंग एजेंटी की गोली मारकर हत्या

मुर्शिदाबाद व कूचबिहार के कुछ इलाकों में तो मतपेटियों को नष्ट करने, इसे लेकर भागने व मतदान केंद्र में आग लगाने तक की घटनाएं सामने आई। कूचबिहार के फलीमारी में भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मतपत्रों की बड़े पैमाने पर हुई लूट

कई बूथों पर एक घंटे में ही मतदान तक संपन्न हो गया, कहीं रात में ही वोट छाप दिया और कहीं बैलेट पेपर और मतपेटी नाले में मिला। मतपेटियों व मतपत्रों की बड़े पैमाने पर लूट हुई। विपक्षी दलों ने अधिकांश मामलों में तृणमूल कांग्रेस पर बूथ लूटने, हमले व हत्या का आरोप लगाया है।

कई जगहों पर जमकर हुई बमबाजी व गोलीबारी

कूचबिहार के दिनहाटा में एक केंद्र पर मतपेटियों को तोड़ दिया और मतपत्रों में आग लगा दी। ऐसी ही घटना बीरभूम के आमडंगा में घटी। कई जगहों पर जमकर बमबाजी व गोलीबारी हुई। दो जगहों पर तो पीठासीन अधिकारी तक को पीटा गया। ङ्क्षहसा वाले अधिकांश बूथों पर केंद्रीय बल के जवान नहीं दिखे। वहीं, पुलिस व मतदान कर्मी मूकदर्शक बने रहे।

गृह मंत्री ने हिंसा पर मांगी रिपोर्ट

इस बीच, हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सुकांत को फोन कर हिंसा के संबंध में जानकारी ली है।

राज्यपाल ने हिंसा की निंदा की, बताया लोकतांत्रिक व्यवस्था पर धब्बा

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मतदान के दौरान व्यापक हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि ये घटनाएं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक धब्बा है। बंगाल के चुनावी इतिहास में यह पहली बार है जब सुबह मतदान शुरू होने के साथ राज्यपाल सड़कों पर उतरकर कोलकाता से सटे जिलों में विभिन्न पोलिंग बूथों का दौरा किया और लोगों से घरों से निकलकर मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की।

आयोग का काम प्रबंधन: चुनाव आयुक्त

वहीं, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने अशांति की जिम्मेदारी राज्य पुलिस पर डाल दी है। उन्होंने साफ कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था राज्य पुलिस का मामला है। चुनाव आयोग का काम प्रबंधन है।

सुवेंदु ने पूछा- और कितना खून प्यास बुझाएगा

हिंसा के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने दोपहर में सीधे राज्य चुनाव आयुक्त को फोन कर पूछा कि और कितना खून उनकी प्यास बुझाएगा।

मणिपुर की तुलना में हिंसा कुछ भी नहीं: तृणमूल

वहीं, तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि चुनिंदा इलाकों में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान प्रक्रिया कमोबेश शांतिपूर्ण रही। घोष ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है उसकी तुलना में हिंसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पीड़ितों की अधिकतम संख्या तृणमूल से है।

चुनाव रद करने के लिए हाई कोर्ट में मामला

इस बीच, कांग्रेस व भाजपा ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर हिंसा का स्वत: संज्ञान लेने और चुनाव को रद और शून्य घोषित करने का अनुरोध किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि अदालत के निर्देश के बावजूद केंद्रीय बलों को जानबूझकर मूकदर्शक बनाकर रखा गया।

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