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West Bengal Politics: तृणमूल आंखें मूंदकर कांग्रेस की बात मानने के पक्ष में नहीं, अभिषेक बनर्जी ने अलग-अलग बैठक कर दिए इसके संकेत

तृणमूल कांग्रेस हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव 2024 में विरोधी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस का आंखें मूंदकर अनुसरण करने के पक्ष में नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गठबंधन में शामिल गैर-कांग्रेस दलों के साथ अलग-अलग बैठक कर इस बात के संकेत दिए हैं। मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 अपने बूते लड़ा था।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Fri, 07 Jun 2024 05:29 PM (IST)
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तृणमूल I.N.D.I.A में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस का आंखें मूंदकर अनुसरण करने के पक्ष में नहीं है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव 2024 में विरोधी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस का आंखें मूंदकर अनुसरण करने के पक्ष में नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गठबंधन में शामिल गैर-कांग्रेस दलों के साथ अलग-अलग बैठक कर इस बात के संकेत दिए हैं।

मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 अपने बूते लड़ा था। बंगाल में उसका कांग्रेस से किसी तरह का गठबंधन नहीं था। चूंकि भाजपा विरोधी दलों के गठबंधन में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं इसलिए I.N.D.I.A में उसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी। दूसरी तरफ, तृणमूल नहीं चाहती कि गठबंधन का कोई भी निर्णय उसपर थोपा जाए। अभिषेक ने दिल्ली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव व आम आदमी पार्टी के दो नेताओं संजय सिंह व राघव चड्ढा से मुलाकात की। उसके बाद मुंबई जाकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे के साथ भी बैठक की।

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इससे पहले, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी I.N.D.I.A में माकपा की भूमिका पर भी सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि अगर माकपा हस्तक्षेप न करे तो उनकी पार्टी को I.N.D.I.A को लेकर कोई परेशानी नहीं है। माकपा गठबंधन के प्रवक्ता की तरह बोल रही है। वहीं, तृणमूल के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने कहा कि बंगाल में कांग्रेस व वाममोर्चा में गठबंधन के कारण भाजपा को छह सीटें जीतने का मौका मिला।

प्रश्न उठ रहा है कि तृणमूल कांग्रेस क्या I.N.D.I.A के अंदर अलग समीकरण पैदा करने की कोशिश कर रही है? सियासी विश्लेषकों का कहना है कि ममता I.N.D.I.A में बने रहना तो चाहती हैं लेकिन कहीं किसी तरह का समझौता करने के पक्ष में नहीं हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि उन्हें बंगाल में कांग्रेस से भी लड़ाई करनी पड़ी है और उसे उन्होंने जीता है इसलिए I.N.D.I.A में वह कांग्रेस के सामने झुकने को तैयार नहीं है।

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