West Bengal Politics: बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों की गैरहाजिरी पर सख्त हुई TMC, बनाए कड़े नियम
West Bengal Politics बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा के पिछले महत्वपूर्ण सत्र के दौरान बिना उचित आधार के और पार्टी को सूचित किए बगैर अपने विधायकों के अनुपस्थित रहने पर सख्त रूख अपनाते हुए उनकी उपस्थिति के लिए नए नियम बनाए हैं। विधायकों को अनुशासित करने के लिए पार्टी अब आगामी सत्र से विधानसभा में उनकी उपस्थिति दर्ज कराएगी।
दो उपस्थिति रजिस्टर रखेगी पार्टी
अनुशासन समिति की बैठक में लिया फैसला
विधायकों की साप्ताहिक उपस्थिति रिपोर्ट पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजी जाएगी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय तृणमूल की अंतर अनुशासन समिति की बैठक में लिया गया है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के संसदीय कार्य और कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने की।
मानसून सत्र से नदराद थे 50 विधायक
बैठक में राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, बिजली मंत्री अरूप विश्वास, वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य सहित अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे। पार्टी ने यह कदम हाल में संपन्न मानसून सत्र में बंगाली नववर्ष के दिन हर साल बंगाल का स्थापना दिवस मनाने एवं राज्य का गीत तय करने के लिए पेश किए गए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर बहस के दौरान अपने 216 में से लगभग 50 विधायकों की अनुपस्थिति के बाद उठाया है।सदन में उपस्थित थे 167 विधायक
मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने दिया बयान
मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि मुझे लगता है कि मतदान के दौरान सत्र में शामिल नहीं होना न केवल अनुचित और अन्यायपूर्ण है, बल्कि पार्टी विरोधी कृत्य भी है। पार्टी विधायकों की उपस्थिति पर निर्णय के बारे में उन्होंने कहा कि विधायकों को चीफ व्हिप के कमरे में रखे रजिस्टर में अब हस्ताक्षर करना होगा।