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संकट में संदेशखाली, सरकारी शिविरों में दर्ज 1 हजार से अधिक शिकायतें; यौन शोषण के मामले ज्यादा

संकटग्रस्त संदेशखाली (Sandeshkhali Violence) में ग्रामीणों ने सरकारी शिविरों में 1250 से अधिक शिकायतें दर्ज कराईं है। स्थानीय टीएमसी नेताओं पर भूमि अतिक्रमण और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण संदेशखाली हिंसक विरोध प्रदर्शन का एक केंद्र बन गया है। संदेशखाली ब्लॉक 2 के बीडीओ अरुण कुमार सामंत के अनुसार उनके कार्यालय को 1000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। संदेशखाली ब्लॉक 1 के अधिकारियों ने 250 शिकायतें दर्ज की हैं।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 24 Feb 2024 06:07 PM (IST)
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सरकारी शिविरों में दर्ज 1 हजार से अधिक शिकायतें (Image: ANI)
पीटीआई, कोलकाता। संकटग्रस्त संदेशखाली में ग्रामीणों ने सरकारी शिविरों में 1,250 से अधिक शिकायतें दर्ज कराईं है। ये सभी शिकायतें भूमि विवादों से संबंधित है। बता दें कि स्थानीय लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक जन संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की है।

स्थानीय टीएमसी नेताओं पर भूमि अतिक्रमण और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण संदेशखाली हिंसक विरोध प्रदर्शन का एक केंद्र बन गया है। संदेशखाली की देखरेख करने वाले बशीरहाट उपमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि '18 फरवरी से, जब सरकारी सहायता शिविरों का संचालन शुरू हुआ, संदेशखाली और आस-पास के क्षेत्रों से आवेदनों की सामूहिक संख्या 1,250 से अधिक हो गई है। इनमें से अधिकांश संदेशखाली ब्लॉक 2 से आए हैं।'

1,000 से अधिक शिकायतें

संदेशखाली ब्लॉक 2 के बीडीओ अरुण कुमार सामंत के अनुसार, उनके कार्यालय को 1,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। सामंत ने पीटीआई को बताया कि कुल शिकायतों में से लगभग 400 शिकायतें भूमि मामलों से संबंधित हैं, जिनमें अनधिकृत कब्जे और भूमि के स्वामित्व में बदलाव जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, हमें राज्य की कल्याण योजनाओं तक पहुंचने में कठिनाइयों को उजागर करने वाले आवेदन भी प्राप्त हुए हैं।'

ब्लॉक 1 के अधिकारियों ने 250 शिकायतें की दर्ज

इस बीच, संदेशखाली ब्लॉक 1 के अधिकारियों ने 250 शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें से 14 भूमि विवादों से संबंधित हैं। संदेशखाली बीडीओ (ब्लॉक 1) सायंतन सेन ने कहा कि अब तक, हमें स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों के बारे में 250 आवेदन प्राप्त हुए हैं। भूमि संबंधी शिकायतों की प्रकृति का विवरण देते हुए, बशीरहाट उप-मंडल के जिला अधिकारी ने कहा कि शिकायतें जबरन जब्ती से लेकर पट्टे पर दी गई भूमि का भुगतान न करने तक होती हैं। हम दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहे हैं और इन चिंताओं को दूर करने के लिए ब्लॉक-स्तरीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।'

संदेशखाली के स्थानीय टीएमसी विधायक सुकुमार महतो ने कहा कि सरकार ने भूमि विवादों को सुलझाने में सक्रिय रुख अपनाया है। उन्होंने बताया कि हम भूमि संबंधी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए पार्टी के भीतर और प्रशासन दोनों में संसाधन जुटा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, जबरन वसूली के आरोपों के समाधान में तेजी लाने के प्रयास चल रहे हैं। पुलिस यौन शोषण और यातना के आरोपों पर भी गौर कर रही है।'

भाजपा ने TMC पर लगाया आरोप

इस बीच, भाजपा ने टीएमसी और स्थानीय प्रशासन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और ग्रामीणों के शोषण में मिलीभगत का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने टीएमसी की प्रतिक्रिया के समय पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि उनकी निगरानी में ऐसे अत्याचार क्यों हुए? तृणमूल कांग्रेस और स्थानीय प्रशासन ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अंजाम देने में मिलीभगत की।

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