बंगाल के भर्ती भ्रष्टाचार के बारे में नोबेल विजेता क्या कह रहे हैं? न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने किया सवाल
बंगाल के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की एक टिप्पणी चर्चा में है। अमर्त्य ने कहा था कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं। दूसरी ओर अर्थशास्त्री अभिजीत एक समय राज्य की कोविड सलाहकार समिति के प्रमुख थे।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 18 Jan 2023 07:28 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सवाल किया है कि बंगाल के भर्ती भ्रष्टाचार के बारे में राज्य के नोबेल पुरस्कार विजेता क्या कहना चाहते हैं? कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति ने अपने ही कोर्ट में इस बारे में अपनी जिज्ञासा जाहिर की है। उनका सवाल था कि नोबेल पुरस्कार विजेता कई मुद्दों पर तरह-तरह की टिप्पणियां और राय देते हैं। मैं उत्सुक हूं कि स्कूल भर्ती में भ्रष्टाचार के बारे में इन सभी महान, सम्मानित शिक्षाविदों की क्या राय है।
स्कूलों में भर्ती में है भ्रष्टाचार
हालांकि न्यायाधीश ने स्वयं यह स्पष्ट कर दिया कि महान शिक्षाविदों से उनका क्या तात्पर्य है। उन्होंने कहा कि वह बंगाल के दो नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्रियों अमर्त्य सेन और अभिजीत विनायक बनर्जी के बारे में बात करना चाहते हैं।न्यायाधीश ने यह टिप्पणी बुधवार को वकील विकासरंजन भट्टाचार्य से अपने कोर्ट रूम में बातचीत के दौरान की। न्यायमूर्ति ने कहा कि स्कूलों में भर्ती में इतना भ्रष्टाचार है। अमर्त्य सेन प्रतीची ट्रस्ट बनाकर काम कर रहे हैं। अभिजीत विनायक बनर्जी नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। मैं जानना चाहता हूं कि वे क्या कह रहे हैं? इन महान शिक्षाविदों के अवलोकन क्या हैं? बताते चलें कि स्कूल भर्ती भ्रष्टाचार के कई मामले अभी भी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के समक्ष लंबित हैं। उन मामलों में उनके निर्देश और तरह-तरह की टिप्पणियां बार-बार चर्चा के केंद्र में रही हैं।
हाल ही में बंगाल के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की एक टिप्पणी चर्चा में है। अमर्त्य ने कहा था कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं। दूसरी ओर अर्थशास्त्री अभिजीत एक समय राज्य की कोविड सलाहकार समिति के प्रमुख थे। ममता ने उन्हें उस कमेटी में रखा था।यह भी पढ़ें- Fact Check: जैन आबादी 0.4% लेकिन कुल टैक्स संग्रह में 24% से अधिक के योगदान का दावा फेक
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