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Tapas Roy Resigns: कौन हैं तृणमूल कांग्रेस के दिग्‍गज नेता तापस रॉय, जिन्‍होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ममता को दिया झटका?

छह बार के तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस राय ने सोमवार को बंगाल विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। तापस रॉय ने यह कदम पार्टी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए यह कदम उठाया। त्यागपत्र देने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने विधायक के रूप में अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है।

By Sonu Gupta Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 04 Mar 2024 06:53 PM (IST)
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वरिष्ठ टीएमसी नेता तापस राय ने विधायक पद से दिया त्यागपत्र। फोटोः एएनआई।
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। छह बार के तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस राय ने सोमवार को बंगाल विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। तापस रॉय ने यह कदम पार्टी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए यह कदम उठाया।  

त्यागपत्र देने के बाद क्या बोले

पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी संगठनात्मक पदों से त्यागपत्र देने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने विधायक के रूप में अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। मैं अब एक स्वतंत्र पक्षी हूं। इससे पहले राय के पार्टी छोड़ने की आशंका को भांपते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और एक अन्य बागी तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष सोमवार सुबह उत्तर कोलकाता में उनके आवास पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ऐसा करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।

यहां से लड़ा था पहला चुनाव

मालूम हो कि छह बार के टीएमसी विधायक तापस राय ने पहली बार साल 1996 में विद्यासागर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट चुनाव लड़ा था। उन्होंने इस दौरान  तापस ने पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि, साल 2001 में उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़कर टीएमसी में शामिल हुए। टीएमसी ने 2001 में बड़ा बाजार विधानसभा से उन्हें मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज कर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। हालांकि, साल 2011 में वह उत्तर 24 परगना जिले के बारानगर विधानसभा क्षेत्र में चले गए और तब से इस सीट से टीएमसी के विधायक हैं।

तापस ने क्यों दिया इस्तीफा?

तापस रॉय ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस और सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली श्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के कई आरोपों से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरू में ईडी पर हमले के मामले में सदन के पटल पर पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां शेख का बचाव किया था, लेकिन वह बंगाल में करोड़ों रुपये के नगरपालिका भर्ती घोटाले के सिलसिले में उत्तर कोलकाता में उनके आवास पर ईडी की छापेमारी के बारे में चुप रहीं।

सीएम ममता के कारण उठाया कदमः रॉय

रॉय ने कहा कि इससे मुझे बेहद दु:ख हुआ है। राय ने  लगाया कि उनकी ही पार्टी का एक वर्ग उनके आवास पर हाल ही में छापेमारी के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि मैं 1996 से विधायक हूं। उन्होंने कहा कि मैंने विधायक के रूप में इलाज खर्च का बिल आज तक नहीं लिया है। इसके बाद भी मेरे आवास पर ईडी की छापेमारी हुई। यह देखना होगा कि इसकी साजिश किसने रची।

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भ्रष्टाचार से आ गया हूं तंगः तापस रॉय

तापस रॉय ने संदेशखाली हिंसा से भी निपटने के तरीके पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संदेशखाली हिंसा से निपटने के लिए पार्टी जिस तरह से काम कर रही है, उससे मैं निराश हूं। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, जिससे मैं तंग आ गया हूं।    

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