Bengal: बंगाल के झगड़ाई गांव में 500 साल से चली आ रही अनोखी प्रथा, ऐसे देते हैं दशहरा की शुभकामनाएं
बंगाल के बाकुंड़ा जिले के एक गांव में लोग एक दूसरे पर कीचड़ फेंककर दशहरा की शुभकामनाएं देते हैं। 500 साल पुरानी यह प्रथा आज भी चली आ रही है। बांकुड़ा के जयपुर ब्लॉक के झगड़ाई गांव में लोगों ने तालाब से पानी लाकर कीचड़ बनाया और उसमें उतर गए। इसके बाद कीचड़ फेंकना शुरू कर दिया। लोगों ने मिट्टी के खेल के माध्यम से एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 25 Oct 2023 11:13 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के बाकुंड़ा जिले के एक गांव में लोग एक दूसरे पर कीचड़ फेंककर दशहरा की शुभकामनाएं देते हैं। 500 साल पुरानी यह प्रथा आज भी चली आ रही है। बांकुड़ा के जयपुर ब्लॉक के झगड़ाई गांव में मंगलवार को मूर्ति के विसर्जन के बाद बुधवार की सुबह यह नजारा देखने को मिला।
गांव के लोगों ने तालाब से पानी लाकर कीचड़ बनाया और उसमें उतर गए। इसके बाद कीचड़ फेंकना शुरू कर दिया। लोगों ने मिट्टी के खेल के माध्यम से एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। हर साल दशमी के दिन सात तालाबों से पानी लाकर गांव के मंदिर के पास परिसर में रखा जाता है। जब कीचड़ तैयार हो जाता है तो बच्चे -बूढ़े तक कीचड़ फेंकना शुरू कर देते हैं।
मल्लराजा ने की थी शुरुआत
झगड़ाई गांव में झगड़ाई भंजनी रूपी देवी दुर्गा की प्राचीन पत्थर की मूर्ति स्थित है। कहा जाता है कि लगभग 500 साल पुरानी दुर्गा पूजा की शुरुआत मल्लराजा ने की थी। मल्लराजा रघुनाथ सिंह ने देवी के दर्शन कर एक भूमि विवाद सुलझाया था। फिर उनकी पहल पर गांव में देवी की पूजा शुरू की गई।यह भी पढ़ें: बंगाल में चार पूजा पंडालों को राज्यपाल के ‘दुर्गा रत्न पुरस्कार’ से किया गया सम्मानित
कहा जाता है कि पूजा के अंत में दशमी के दिन भारी बारिश के बीच मल्लराजा रघुनाथ सिंह ने सैनिकों के साथ पानी और कीचड़ में उत्सव मनाया। तब से यह गांव आज भी इस परंपरा को निभा रहा है।
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